कौशल विकास : इक्कीसवीं सदी के युवाओं की ताकत
इस वर्ष विश्व युवा कौशल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा युवाओं को प्रासंगिक रहने के लिए ‘स्किल, रिस्किल और अपस्किल’ का मंत्र दिया गया है।
![]() कौशल विकास : इक्कीसवीं सदी के युवाओं की ताकत |
यह मंत्र हमारे आत्मनिर्भर भारत के सपनों को पूरा करने के संकल्प को दशर्ता है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप ही हम स्किल इंडिया मिशन द्वारा भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के लिए तत्पर हैं। मुझे प्रसन्नता है कि सालाना एक करोड़ से अधिक लोग स्किल इंडिया मिशन से जुड़ रहे हैं। इस मिशन के फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ द्वारा अब तक 92 लाख से अधिक लोग प्रशिक्षित किए जा चुके हैं, जो 256 जॉब-रोल्स में हैं।
हमारी प्रमुख कौशल विकास पहलों जैसे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री कौशल केंद्र, राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना ने लोगों को कुशल और उत्पादक बनाने के साथ ही उनमें नया आत्मविश्वास भरा है। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय प्रशिक्षण भागीदारों के साथ काम कर देश भर में 700 से अधिक जिलों में 26,000 से प्रशिक्षण केंद्रों का मजबूत नेटवर्क स्थापित करते हुए कौशल विकास की योजनाओं और नीतियों पर तेजी से काम कर रहा है। 37 सेक्टर स्किल काउंसिलों द्वारा संचालित अनेक प्रकार के कोर्सेज़ को करते हुए लोग अपना भविष्य संवार रहे हैं। पिछले 5 वर्षो में 5000 से अधिक आईटीआई संस्थान स्थापित किए गए हैं और अब तक कुल संस्थानों की संख्या 15,000 से अधिक हो चुकी है। इन संस्थानों में नये पाठ्यक्रमों को शुरू किया गया है जो ‘न्यू एज स्किल्स’ पर आधारित हैं।
हम नये युग की तकनीक जैसे आर्टििफशियल इंटेलीजेंस, इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स, मशीन लर्निग इत्यादि के माध्यम से देश के युवाओं को कौशल देने का प्रयास कर रहे हैं। हमने नये युग के पाठ्यक्रमों में 3 डी प्रिंटिंग, ड्रोन पायलट, सोलर टेक्नीशियन और जियो इंफॉर्मेटिक्स जैसे अनेक विषयों को शामिल किया है। हम अपने प्रवासी श्रमिकों को भी गांव में ही उनके निवास स्थान के आसपास रोजगार देने के लिए प्रयासरत हैं। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत इस समय हमने 6 राज्यों और 116 जिलों में बड़े पैमाने पर स्किल मैपिंग कार्यक्रम शुरू किया है। हमने दुनिया भर में सामने आ रहे कौशल के अवसरों की मैपिंग भी शुरू कर दी है। भारत के युवाओं को अन्य देशों की जरूरतों के बारे में सही और स्पष्ट जानकारी देना हमारी प्राथमिकता बन चुका है। समय के साथ चलने और चौथे इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन की आवश्यकताओं को बनाए रखने के प्रयास में हमने 12 एनएसटीआई में नये युग के पाठ्यक्रम शुरू कर दिए हैं। हम कौशल महोत्सव जैसे महत्त्वपूर्ण आयोजन कर रहे हैं, जिनमें अनेक शीर्ष कंपनियां भाग लेकर उम्मीदवारों को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करा रही हैं। हमने दिव्यांगजन के लिए विशेष मेले आयोजित किए हैं, जिनमें अनेक उम्मीदवारों को नौकरियों के लिए भी चुना गया है। हम कुशल कार्यबल की क्षमता निर्माण के लिए सिंगापुर, यूएई, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि जैसे देशों में कौशल विकास पर काम करने वाले अपने समकक्षों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
कोरोना महामारी से उबरने के बाद विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं द्वारा वैश्विक बाजार में मांग और अवसर बढ़ेंगे। हम वैश्विक जगत के इन अवसरों के लिए अपने युवाओं को उनके कौशल और प्रतिभा के अनुसार तैयार कर रहे हैं। हम श्रम-आधारित अर्थव्यवस्था को कौशल-आधारित अर्थव्यवस्था में बदल कर अपनी युवा शक्ति को उचित सम्मान दिलाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता, नागरिक उड्डयन और विदेश मामलों के मंत्रालयों की एक सहयोगी पहल ‘स्वदेस’ यानी ‘स्किल्ड वर्कर्स अराइवल फॉर इम्प्लॉयमेंट सपोर्ट’, वंदे भारत मिशन के तहत लौटने वाले नागरिकों की स्किल मैपिंग कर रही है ताकि भारतीय और विदेशी कंपनियों की मांग पूरी की जा सके। हमने ‘असीम’ यानी ‘आत्मनिर्भर स्किल्ड इम्प्लॉयी इम्प्लॉयर मैंपिंग’ पोर्टल भी लॉन्च किया है ताकि कुशल लोगों को स्थायी आजीविका के अवसर खोजने में मदद मिल सके।
| Tweet![]() |