आईपीएल : लौटेगा रोमांच, टूटेंगे रिकॉर्ड

Last Updated 03 Sep 2020 01:00:25 AM IST

आईपीएल की 2008 में क्रिकेटेनमेंट के रूप में शुरुआत हुई थी। यह नाम इसलिए दिया गया था कि क्रिकेट के खेल में मनोरंजन का तड़का लगाया गया था।


आईपीएल : लौटेगा रोमांच, टूटेंगे रिकॉर्ड

इस टी-20 लीग का शुरुआती दौर  क्रिकेट के साथ ही रात में होने वाली पार्टियों के लिए भी मशहूर था। लेकिन 2013 में स्पॉट फिक्सिंग की घटना के बाद देश की सर्वोच्च अदालत के दखल के बाद आईपीएल ही नहीं, पूरी बीसीसीआई का भी हुलिया बदल गया है। इसके बाद आईपीएल के सत्र विशुद्ध क्रिकेट के लिए  पहचाने जाने लगे। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप ने इसके विदेश में आयोजन को पेचीदा बना दिया है और खिलाड़ियों पर दबाव भी है।
कोरोना के प्रकोप की वजह से बीसीसीआई को खिलाड़ियों को सुरक्षित रखने की विशेष योजना बनानी पड़ी है। याद करें कुछ सप्ताह पहले दिल्ली में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैलने पर दिल्ली सरकार ने प्रतिदिन 20000 कोविड टेस्ट करने का फैसला किया था। आईपीएल में भी बीसीसीआई ने 20 हजार टेस्ट कराने की योजना बनाई है। इसके लिए उसने यूएई की हेल्थ केयर कंपनी वीपीएस के साथ करार किया है। इसका खर्च 10 करोड़ रुपये आएगा। बीसीसीआई ने हर पांचवें दिन सभी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के कोविड टेस्ट कराने की योजना बनाई है। यूएई के नियमों के मुताबिक किसी को भी एक शहर से दूसरे शहर में जाने पर क्वारंटीन में रहना पड़ता है। आईपीएल के मैच तीन शहरों दुबई, शारजाह और अबु धाबी में खेले जाने हैं, इसलिए खिलाड़ियों को एक शहर से दूसरे शहर अक्सर जाना ही पड़ेगा। गनीमत है कि एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड ने सरकार से खिलाड़ियों को क्वारंटीन में नहीं रहने की छूट दिला दी है। वजह सभी खिलाड़ियों का बायो सिक्योर बबल यानी जैव सुरक्षित माहौल में रहना है। यूएई पहुंचने पर सभी खिलाड़ियों को एक हफ्ते के लिए क्वारंटीन में रहना पड़ा था। इस दौरान पहले, तीसरे और छठे दिन सभी खिलाड़ियों के कोविड टेस्ट किए गए थे। लगातार होने वाले टेस्टों की वजह से खिलाड़ियों पर कोरोना का खौफ छाया रह सकता है। उनका खेल प्रभावित हो सकता है। यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल सकेगा कि खिलाड़ी हालात के दबाव से निकलने में कितने कामयाब होते हैं।

आईपीएल का यह सत्र कुछ युवाओं के लिए अहम होने वाला है। यशस्वी जायसवाल, प्रियम गर्ग, रवि बिश्नोई जैसे आधा दर्जन से ज्यादा युवा खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अंडर-19 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करके अपनी प्रतिभा का परिचय देकर आईपीएल टीमों से करोड़ों रुपये पाने में सफलता हासिल की है, लेकिन उनके सामने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मौजूदगी में शानदार प्रदर्शन करने की चुनौती होगी। आईपीएल में उनके प्रदर्शन से ही पता चलेगा कि वे टीम इंडिया में जाने लायक हैं, या नहीं। यह जरूर है कि किसी अंडर-19 खिलाड़ी के ग्रेजुएशन में तीन-चार साल का समय लग ही जाता है।
पिछले एक-डेढ़ माह में इंग्लैंड ने भी जैव सुरक्षित माहौल बनाकर वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड के साथ सीरीजें खेलीं। इस दौरान खिलाड़ी अपना स्वाभाविक खेल खेलते नजर आए थे पर आईपीएल और इंग्लैंड की सीरीजों में फर्क यह है कि वह सिर्फ दो टीमों की देखरेख का मामला था और उसमें भाग लेने वाली टीमें मैच स्थल पर ही ठहराई गई थीं। आईपीएल में आठ टीमें भाग ले रही हैं और ये सभी होटलों में रह रही हैं। इसके अलावा, खिलाड़ियों को लगातार एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा भी करनी होगी। इसलिए यह थोड़ा मुश्किल काम तो है पर इंतजामों से लग रहा है कि आयोजन सफल रहेगा।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की इस बात में दम नजर आता है कि इस बार आईपीएल टेलीविजन रेटिंग के सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी। यह इसलिए सही है कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से अभी भी तमाम लोगों ने घरों से निकलना शुरू नहीं किया है। वे मनोरंजन के लिए टीवी पर निर्भर हैं। आजकल बॉलीवुड सितारे के निधन की खबरों और भारत-चीन सीमा विवाद की खबरों से आजिज आ चुके हैं। इसलिए आईपीएल मैचों को देशवासियों द्वारा हाथों-हाथ लेने की उम्मीद की जा सकती है। वैसे भी भारतीय, क्रिकेट को दीवानगी की हद तक प्यार करते हैं और उन्हें जब लंबे समय बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे स्टार खेलते दिखेंगे तो टेलीविजन रेटिंग में आईपीएल का रिकॉर्ड टूटना तय ही है।

मनोज चतुर्वेदी


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