कोरोना : आगे का सफर
पिछले कुछ हफ्तों में सरकार ने कोरोना से संबंधित कई दिशा निर्देश दिए हैं।
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खासतौर पे भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए ‘अनलक’ के दिशा-निर्देश, जिनका पालन सभी राज्य सरकारों को करना अनिवार्य है, लेकिन इन दिशा-निर्देशों में प्रत्येक राज्य को अपने राज्य की मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार इनमें संशोधन करने का भी प्रावधान है। अगर किसी राज्य में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है तो वहां सख्ती की जरूरत है। इसी प्रकार अगर संक्रमण नियंत्रण में है तो छूट भी दी जा रही है। दिल्ली में तो अब मेट्रो रेल को भी सशर्त खोलने की तैयारी है। कारण स्पष्ट है जनता को हो रही असुविधा और मेट्रो को हो रहे करोड़ों के नुकसान से बचना अनिवार्य हो चुका है, लेकिन सावधानी तो हम सबको ही बरतनी पड़ेगी।
पिछले दिनों मई 2020 की एक खबर पढ़ने में आई, जिसका आधार अमेरिका के मेरीलैंड विश्वविद्यालय के डॉ. फाहिम यूनुस का शोध है। डॉ. यूनुस मेरीलैंड विश्वविद्यालय के संक्रमण रोग विभाग के मुखिया हैं। उनके अनुसार कोरोना के वायरस से जल्द छुटकारा पाना आसान नहीं है। हां रूस ने इसके इंजेक्शन के ईजाद का दावा जरूर किया है, लेकिन चीन में जो लोग कोरोना से ठीक हुए थे उनमें से कुछ को कोरोना दोबारा होने की खबर भी है। डॉ. फाहिम के अनुसार हमें इस बीमारी के साथ हंसी-ख़ुशी रहने की आदत डाल लेनी चाहिए और नाहक परेशान या घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उनके अनुसार अगर कोरोना का वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर चुका है तो अत्यधिक पानी पीने से वो बाहर नहीं निकलेगा। हम बस बाथरूम ज्यादा जाने लगेंगे।
इस वायरस पे किसी भी तरह के मौसम का भी असर नहीं होगा। उनकी इस बात पर यकीन इसलिए होता है क्योंकि गर्मिंयों के मौसम में भी कोरोना के मरीजों की संख्या विभर में तेजी से बढ़ी ही है। लगातार हाथ धोने और उचित दूरी बनाए रखने से ही इससे बचा जा सकता है। यदि हमारे घर में कोई भी संक्रमित नहीं है तो हमें बार-बार घर की वस्तुओं को डिसइन्फेक्ट करने की भी आवश्यकता नहीं है। कोरोना के वायरस आम फ्लू की तरह ही होते हैं, जो खाने की वस्तुओं को मंगाने से नहीं फैलते। ठीक उसी तरह जैसे पेट्रोल पम्प और एटीएम आदि पे जाने से संक्रमण नहीं फैलता। बस हाथ धोना और दूरी बनाए रखना अहम है। डॉ. यूनुस के अनुसार यदि कोई इससे संक्रमित है और वो स्टीम या सौना लेने के लिए जाता है तो उसके शरीर से वायरस नहीं निकल सकता।
ऐसी कई और एलर्जी होती हैं, जिनके कारण भी इंसान की सूंघने और स्वाद की शक्ति खो जाती है। अभी तक इस लक्षण को इसका एकमात्र कारण नहीं कहा जा सकता। कोरोना का वायरस एक ड्रिप इंफेक्शन है, जो केवल निकटता और सम्पर्क में आने से ही फैलता है हवा में नहीं। इसलिए घर में घुसते ही तुरंत कपड़े बदलना और स्नान करना अनिवार्य नहीं है। लेकिन शुद्धि करना एक अच्छी आदत होती है जो हमारे देश में सदियों से चली आ रही है।
इन दिनों देखा गया है कि जो लोग घर में खाना नहीं बना पाते थे जैसे कि विद्यार्थी आदि वो भी मजबूरन खाना बनाने लग गए हैं, लेकिन अगर आप बाजार से खाना मंगवाते हैं तो उसे एक बार दोबारा गर्म कर लेना बेहतर रहेगा। कोरोना का वायरस किसी भी धर्म, जाति, लिंग या स्टेटस में भेद नहीं करता ये किसी को भी हो सकता है। यदि आप बाहर से आते हैं तो जूतों को उतारना एक अच्छी आदत है, लेकिन वही जूते जो आपने दिन भर पहने हैं और उनसे आपको संक्रमण नहीं हुआ तो जूतों से संक्रमण का कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोग जो अधिक सावधानी बरतने के लिए दस्ताने पहनते हैं उन्हें भी इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि दस्तानों पे यदि वायरस आ भी जाता है तो आसानी से जाता नहीं। उन दस्तानों को फेंका ही जाता है।
हाथ धोना ही एकमात्र उपाय है जो वायरस को बहा देता है। इसलिए अपने मुंह या आंख को छूने से पहले हाथ अवश्य धोएं। हाथों को धोने के लिए आम साबुन का प्रयोग ही करें एंटी-बैक्टीरिया साबुन का नहीं क्योंकि कोरोना एक वायरस है बैक्टीरिया नहीं। अपने 20 वर्षो से अधिक अनुभव के आधार पर डॉ. फाहिम यूनुस ने ये सब हिदायतें दी हैं और कहा है कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है परेशान रहने की नहीं।
ये तो डॉ. फाहिम यूनुस के विचार हैं पर जिस तरह अभी हाल में चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री और स्पीकर व अन्य लोगों को कोरोना हुआ है, जिस तरह भारत में कोरोना संक्रमण की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, जिस तरह चीन में कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को ये दोबारा हो रहा है, इस सबसे कोरोना के खतरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इसलिए जो सावधानियां सुझाई गई हैं उन्हें गम्भीरता से लेना चाहिए। जहां तक सम्भव हो घर से बाहर न निकलें। किसी को भी स्पर्श करने से बचें। साबुन से हाथ लगातार धोते रहें। घर के बाहर नाक और मुंह को ढक कर रखें। तो काफी हद तक अपनी व औरों की सुरक्षा की जा सकती है। जब तक कोरोना का कोई माकूल इलाज सामने नहीं आता तब तक सावधानी बरतना और भगवत् कृपा के आसरे ही जीना होगा।
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