एशिया कप विजेता हॉकी टीम का स्वदेश लौटने पर हुआ भव्य स्वागत
एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट का तीसरी बार खिताबी जीतने वाली भारतीय टीम का सोमवार को स्वदेश वापसी पर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर भव्य स्वागत किया गया.
![]() नई दिल्ली : स्वदेश लौटने पर आईजीआई हवाई अड्डे पर जोरदार स्वागत के बाद ट्रॉफी और मेडल दिखाते भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी. |
टीम के सभी खिलाड़ियों को फूल मालाओं से लाद दिया गया. टीम के स्वदेश लौटने पर सभी खिलाड़ियों का हवाईअड्डे पर ढोल नगाड़ों और फूल मालाओं से स्वागत किया गया. भारतीय खिलाड़ी अपनी खिताबी जीत से बेहद खुश दिखाई दे रहे थे. खिलाड़ियों ने बारी-बारी से ट्रॉफी को अपने हाथों में उठाया. भारतीय हॉकी के लिए यह एक गौरवपूर्ण क्षण था क्योंकि उसने 10 साल बाद इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया है.
भारतीय टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि यह जीत टीम के खिलाड़ियों की एकजुटता और प्रयासों का नतीजा है. टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी और पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने कहा, ‘हमारी टीम टूर्नामेंट में अपराजित रही और इससे खिलाड़ियों को प्रेरित करने में मदद मिलेगी.’ भारत ने ढाका में रोमांचक मैच में मलयेशिया को रविवार 2-1 से हराकर तीसरी बार एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था.
मनप्रीत ने कहा, ‘इस टीम की कप्तानी करना मेरे लिए सम्मान की बात है. हॉकी टीम गेम है और हम सब एक परिवार की तरह हैं. यह जीत इसलिए संभव हुई क्योंकि हम मिलकर खेलते हैं.’ कप्तान ने कहा, ‘हम अपनी इस जीत का बहुत मजा ले रहे हैं. इस दिन हमारे टीम साथी सतबीर सिंह का जन्मदिन भी था तो यह जीत और भी यादगार बन गई.’ भारतीय टीम के कोच शुअर्ड मरीने ने कहा, ‘जब हमारा स्कोर 2-1 हो गया तब मैं बहुत चिंतित हो गया था. क्योंकि मुझे पता है कि आखिरी 4-5 मिनट में गोल हो सकते हैं. लेकिन हमारी टीम ने जिस तरह से खेला मैं उससे बहुत खुश हूं. हमने अंत तक जिस तरह इस स्कोर का बचाव किया वह काबिलेतारीफ है.’
उपविजेता रहे मलेशियाई कोच स्टीफन वान हुईजेन ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘भारत एक चुनौतीपूर्ण टीम है. हमसे काफी ऊंची रैंक पर है. यह हमारा पहला एशिया कप फाइनल है और हम खुश हैं जैसा हमारी टीम ने प्रदर्शन किया. हमने कोरिया के साथ और फाइनल में भारत को कड़ी चुनौती दी.’ फाइनल में जबरदस्त प्रदर्शन के लिए भारत के ललित उपाध्याय को गोल ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया.
भारतीय कोच ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं क्योंकि भारतीय टीम के कोच के तौर पर यह मेरा पहला टूर्नामेंट था. हमने अच्छी हाकी खेला. मैं खिलाड़ी और प्रशंसकों के लिए भी ऐसी शुरुआत से खुश हूं.’ उन्होंने कहा, ‘टीम में सामंजस्य की कमी है. मलयेशिया के खिलाफ फाइनल मैच में भी दिखा. हमें और अधिक गोल करने चाहिए थे लेकिन चौथे क्वार्टर में हमारे प्रदर्शन का स्तर काफी नीचे गिर गया जिससे मलयेशिया को वापसी का मौका मिल गया. उन्होंने कहा, ‘हमने काफी अच्छी आक्रामक हॉकी खेली. कुछ अच्छे मैदानी गोल भी किए. लेकिन टीम निरंतर एक जैसा प्रदर्शन नहीं कर पाई.’
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