आईटीआई संस्थानों की भी होगी बोर्ड परीक्षा, दसवीं की डिग्री से होगी समानता : रूड़ी

Last Updated 29 Mar 2017 01:42:01 PM IST

सरकार ने देश में आईटीआई संस्थानों में बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण की खराब स्थिति को स्वीकार करते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की तर्ज पर आईटीआई संस्थानों की परीक्षा के लिहाज से एनसीवीटी के लिए भी अलग बोर्ड बनाया जाएगा.


केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी (फाइल फोटो)

केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने प्रश्नकाल में कहा कि देश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के खुलने और उनके संचालन को लेकर अनियमितताएं सामने आती रहीं हैं. सरकार अब इस ओर ध्यान दे रही है.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आईटीआई संस्थान भी केंद्रीय विद्यालयों की तरह खुलेंगे जहां गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाएगा. रूड़ी ने बताया कि इसके लिए सीबीएसई और आईसीएसई की तर्ज पर राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) के लिए अलग बोर्ड बनाया जाएगा जो आईटीआई की परीक्षाओं का संचालन करेगा और आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त करके उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को दसवीं कक्षा के समतुल्य माना जाएगा.

उन्होंने कहा कि एनसीवीटी बोर्ड कौशल विकास मंत्रालय के अधीन रहेगा. उन्होंने राजीव सातव के प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट किया कि मंत्रालय की रैनबसेरों में कौशल विकास केंद्र खोलने की कोई योजना नहीं है.

मंत्री ने कहा कि मंत्रालय देश के हर जिले में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके) खोलने की सुविधा दे रहा है. अब तक देश के 433 जिलों में 464 पीएमकेके आवंटित किये जा चुके हैं जिनमें से 65 का उद्घाटन हो चुका है.



रूड़ी ने कहा कि अभी जिला स्तर तक प्रशिक्षण केंद्रों को खोला जा रहा है और \'मुझे विश्वास है कि हर गांव पंचायत तक कौशल प्रशिक्षण प्रणाली पहुंचेगी.\'

भाजपा के रामचरित्र निषाद के एक प्रश्न के उत्तर में रूड़ी ने कहा कि सरकार मछली पकड़ने के कार्य के संबंध में भी कौशल प्रशिक्षण देने की दिशा में काम कर रही है और इसके लिए कुशल लोगों की जरूरत है. उन्होंने कहा, "मैं देश के मछुआरों को बताना चाहूंगा कि सरकार उनके लिए निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी."

भाषा


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