भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर का शुक्रवार को स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों को मदद मिलेगी।
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एफई मॉडर्न बीएफएसआई शिखर सम्मेलन में यहां मल्होत्रा ने कहा कि बहुपक्षवाद अब बीते दिन की बात है और देश को अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौतों (जैसे ब्रिटेन एफटीए) की जरूरत है।
लंदन में ब्रिटेन के साथ हुए व्यापार समझौते पर केंद्रीय बैंक की यह पहली टिप्पणी है।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ उम्मीद है कि इससे (ब्रिटेन के साथ एफटीए से) हमें मदद मिलेगी... अब आगे बढ़ने का यही रास्ता है, क्योंकि दुर्भाग्य से बहुपक्षवाद पीछे छूट गया है।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत ‘‘अग्रिम चरण’’ में है।
आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि वर्तमान वास्तविकताओं को देखते हुए जहां बहुपक्षवाद पीछे छूट गया है ...भारत के लिए अन्य देशों के साथ ऐसे और अधिक समझौते करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ऐसे कई समझौतों पर बातचीत जारी है।
इस समझौते को आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के उनके समकक्ष केअर स्टार्मर की उपस्थिति में इस पर लंदन में बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर किए गए। इससे दोनों देशों के लिए वस्तुओं और सेवाओं के बाजार खुलेंगे।
इस बीच, मल्होत्रा ने फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए अपने अमेरिकी समकक्ष जेरोम पॉवेल के काम का ऐसे समय में समर्थन किया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी (फेडरल की) नीतियों पर अपनी निराशा सार्वजनिक तौर पर व्यक्त की है।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ ... वह (पॉवेल) बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता बनाए रखना बेहद जरूरी है। मुझे लगता है कि उन्होंने सराहनीय काम किया है।’’
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