मिलेट ईयर में जीएसटी परिषद ने शनिवार को बाजरे के आटे को जीएसटी से छूट दे दी है
मिलेट ईयर में जीएसटी परिषद ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लिया है। बाजरे के आटे को जीएसटी से छूट दे दी है।
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मिलेट ईयर में जीएसटी परिषद ने शनिवार को बाजरे के आटे को जीएसटी से छूट दे दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। वित्त मंत्री ने कहा कि कम से कम 70 प्रतिशत बाजरा युक्त पाउडर (आटे) के रूप में तैयार खाद्य पदार्थों पर कोई जीएसटी नहीं देना होगा। इन खाद्य प्रोडक्ट को खुले रूप में या गैर-ब्रांडेड पैकेट में बेचा जाना चाहिए। हालांकि, ब्रांडेड बाजरा उत्पादों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
मंत्री ने कहा, यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि 2023 को बाजरा (मिलेट) वर्ष घोषित किया गया है। इससे पहले जीएसटी परिषद की फिटमेंट कमेटी ने बाजरा पाउडर पर छूट की सिफारिश की थी। उसने बाजरे से तैयार उत्पादों पर कोई प्रोत्साहन देने से इनकार कर दिया था।
बाजरे का आटा अपने न्यूट्रीशन वैल्यू और हेल्थ बेनेफिट्स के लिए जाना जाता है. मिलेट्स प्रोडक्ट ने भारत में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है। बाजरे के आटे से बने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर कम करने का सरकार का उद्देश्य इन पौष्टिक खाद्य पदार्थों तक सार्वजनिक पहुंच को बढ़ाना है।
बता दें कि भारत 2023 को 'मिलेट ईयर' के रूप में मना रहा है और सरकार बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि बाजरा जलवायु के अनुकूल है और इसे कम पानी और उर्वरकों और कीटनाशकों के न्यूनतम उपयोग के साथ उगाया जा सकता है.। सरकार बाजरा को किसानों, पर्यावरण और उपभोक्ताओं के लिए अच्छी फसल बनाने के लिए 'मिशन मोड' पर काम कर रही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में 52वीं जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं।
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