अक्टूबर के पहले चार दिनों में एफपीआई ने बेचे 9,412 करोड़ रुपये के शेयर

Last Updated 07 Oct 2023 04:54:08 PM IST

हाल के हफ्तों में बाजारों में पूंजी प्रवाह को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक अमेरिकी बांड यील्ड में लगातार वृद्धि है। ये बात जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कही है।


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हाल के हफ्तों में बाजारों में पूंजी प्रवाह को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक अमेरिकी बांड यील्ड में लगातार वृद्धि है। ये बात जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कही है।

अक्टूबर के शुरुआती दिनों में अमेरिकी बॉन्ड बाजार में गिरावट देखी गई, जिससे 30 साल की बॉन्ड यील्ड कुछ समय के लिए 5 फीसदी पर पहुंच गई। विजयकुमार ने कहा कि बेंचमार्क 10-वर्षीय यील्ड लगातार 4.7 प्रतिशत से अधिक है, जो एफपीआई को उभरते बाजारों में शेयर बेचने के लिए मजबूर कर रही है।

भारत इस साल एफपीआई को आकर्षित करने में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर बना हुआ है, लेकिन सितंबर में बिकवाली देखी गई और अक्टूबर की शुरुआत भी इसी प्रवृत्ति के साथ हुई है।

उन्होंने कहा कि अक्टूबर के पहले चार दिनों में एफपीआई ने नकदी बाजार में 9,412 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।

एफपीआई वित्तीय, बिजली, आईटी और तेल एवं गैस में बिकवाली कर रहे हैं। बिकवाली करते हुए भी एफपीआई कैपिटल गुड्स, ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स में खरीदार बने हुए हैं। उन्होंने कहा, ऊंचे डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के चलते एफपीआई के हाल फिलहाल में बाजार में खरीदार बनने की संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद है, जिससे एफपीआई को इस क्षेत्र में बिकवाली करने से रोका जा सकता है।

 

अर्चना श्री
नई दिल्ली


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