रेल बजट में 2 लाख करोड़ रुपये का फंड संभव

Last Updated 22 Jan 2023 01:41:29 PM IST

रेलवे बजट को लेकर विभाग की ओर से क्या तैयारी है, कितनी बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है, रेलवे प्रस्तावों में किन पुनर्विकास परियोजनाओं को शामिल किया जायेगा। जानिए इस विशेष रिपोर्ट में -


रेल बजट में 2 लाख करोड़ रुपये का फंड संभव

रेल बजट से लोगों को इस बार काफी उम्मीदें हैं। 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पांचवां बजट पेश करेंगी। केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में रेल बजट को भी आम बजट से जोड़ दिया था। अब रेलवे के लिए भी पैसा इसी बजट से दिया जाता है।

जानकारी के मुताबिक केंद्र इस बार रेलवे बजट में बढ़ोत्तरी करने जा रही है। उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार रेलवे के बजट में 20 फीसदी तक का इजाफा करेगी। इससे पहले बजट पूर्व बैठक में रेलवे बोर्ड ने वित्त मंत्रालय बजट एलोकेशन में 25-30 फीसदी अधिक फंड की मांग की है। ऐसे में इस बार सरकार रेल मंत्रालय को बजट में करीब 2 ट्रिलियन रुपये का फंड दे सकती है। बजट से पहले रेलवे से जुड़े कई सेक्टरों में उत्साह का माहौल है। रेल यात्रियों की ओर से कई तरह की मांगे भी रही हैं।

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का ये अन्तिम पूरा बजट है। साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वर्ष 2023 में ही देश में 10 राज्यों चुनाव भी हैं। इसमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी इस साल चुनाव कराए जा सकते हैं। ऐसे में चुनाव से पहले पेश होने वाले इस रेल बजट में केंद्र सरकार आम यात्रियों से जुड़ी कई नई रेल सुविधाओं का ऐलान कर सकती है। यह माना जा रहा है कि इस बार का रेल बजट चुनावी बजट साबित हो सकता है, विशेषकर उन राज्यों में जहां चुनाव होने हैं। इसलिए केंद्र सरकार उनके लिए कुछ विशेष ऐलान कर सकती है।

हालांकि रेल मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अब तक 42,370 करोड़ रुपए अधिक राजस्व हासिल किया। पिछले साल से अगर इसकी तुलना करें तो इस साल रेलवे की इनकम 71 फीसदी तक बढ़ चुकी है। जबकि इससे पहले साल 2021 में 26 हजार 338 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। इसलिए सरकार ने आम लोगों को दी जाने वाली कई रिआयतों को बंद कर दिया था।



रेलवे की कमाई के मजबूत आंकड़े देखकर अब एक फिर तमाम तबकों के लोग सरकार से उस सब्सिडी को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं। खासतौर पर 60 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिक जिन्हें कोविड महामारी से पहले 50 फीसदी तक की छूट मिलती थी। इसे अब बंद कर दिया गया है।

हालांकि रेल मंत्रालय के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट में छूट देने की इस बजट में कोई योजना नहीं है। केंद्र सरकार अधिकतर निवेश रेलवे के आधुनिकीकरण में ही करेगा। रेलवे ट्रेनों के निर्माण के लिए बेहतर घरेलू इंफ्रास्ट्रक्च र का निर्माण करने पर भी ध्यान दे रहा है। इसमें ट्रेनों के पहियों को लेकर विदेशी निर्भरता कम करने की भी योजना बनाई जा रही है।

इस बार के बजट में स्लीपर सुविधा वाली नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और वंदे भारत 2.0 बनाने पर जोर दिया जा सकता है। अब इस ट्रेन में स्लीपर बर्थ भी लगाई जाएगी। इससे लंबी दूरी करने वाले यात्रियों को बेहतरीन स्लीपर ट्रेन सुविधा मिलेगी। यह ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस की तरह काम करेगी जिसमें यात्रियों को स्लीपर एसी कोच की सुविधा भी मिलेगी। रेल बजट 2023 में 500 वंदे भारत, 35 हाइड्रोजन ट्रेन, 5000 एलएचबी कोच, 58000 वैगन के लिए 2.70 लाख करोड़ रुपये की योजना का ऐलान किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि पिछले रेल बजट के ऐलान के दौरान वित्तमंत्री ने राष्ट्रीय रेल योजना 2030 की भी घोषणा की थी। इस योजना के तहत रेलवे के विकास के लिए प्लान तैयार किया गया। इसमें रेल सुविधाओं को नया रूप दिये जाने का ऐलान किया गया था। इसके लिए केंद्र ने एक लाख करोड़ के निवेश करने की बात की थी। दिसंबर 2023 तक रेलवे की बड़ी लाइन का 100 फीसदी विद्युतीकरण पूरा कर लिया जाएगा।

इसी तरह टीयर-2 श्रेणी के दो शहरों और टीयर-1 श्रेणी के शहरों के बाहरी हिस्सों में मेट्रो रेल सिस्टम तैयार किया जा रहा है जिसके तहत भारतीय रेल 2030 तक दुनिया की पहली 100 फीसदी ग्रीन रेल सेवा हो जाए। इसके साथ ही केंद्र सरकार इस बार रेल बजट में हाइपरलूप तकनीक को अपनाने का ऐलान कर सकती है। इसमें यात्रियों को ले जाने वाले पॉड ट्यूब या सुरंगों के माध्यम से यात्रा की जाती हैं। ये तकनीक बुलेट ट्रेन से भी तीव्र है। साथ ही इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्च र को लेकर भी सरकार बड़े ऐलान कर सकती है।

हालांकि विजन 2024 की परियोजनाओं के तहत, दशक के उत्तरार्ध में, नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और हाई स्पीड पैसेंजर कॉरिडोर को चालू करने के अलावा, भीड़भाड़ वाले मार्गों के मल्टीट्रैकिंग और सिग्नलिंग अपग्रेडेशन का लक्ष्य रखा गया है।

इसके साथ ही नया रेलवे ट्रैक भारतीय रेलवे के नए विजन डॉक्युमेंट का हिस्सा होगा। इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। अगले वित्त वर्ष में करीब 4,000 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाने का टारगेट तय किया जा सकता है। नए ट्रैक ब्रिज को भी दोगुना यानी 50,000 करोड़ रुपये किया जा सकता है। अभी की कीमत के मुताबिक, सामान्य 1,00,000 किलोमीटर लाइन बिछाने पर करीब 15-20 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

आगामी रेल बजट में 7,000 किलो मीटर ब्रॉड गेज लाइन को इलेक्ट्रिफाई करने का भी ऐलान हो सकता है। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन हो सकता है। 7,000 किलो मीटर लंबी ब्रॉड गेज लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन से रेलवे के पूरे नेटवर्क को इलेक्ट्रिफाई करने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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