’डिजिटल बैंकिंग‘ से ही मिली सतत वृद्धि की राह, प्रधानमंत्री ने 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का किया उद्घाटन

Last Updated 17 Oct 2022 06:39:55 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की सतत आर्थिक वृद्धि का श्रेय भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली अपनी सरकार के प्रयासों को देते हुए रविवार को कहा कि 2014 से पहले की ‘फोन बैंकिग’ से आगे बढ़कर ‘डिजिटल बैंकिंग’ को अपनाने से यह संभव हो पाया है।


पीएम ने 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का किया उद्घाटन

पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘फोन बैंकिंग’ के दौर में बैंकों को फोन पर ये निर्देश दिए जाते थे कि उन्हें किसे और किन शतरें पर कर्ज देना है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले की ‘फोन बैंकिंग’ की जगह ‘डिजिटल बैंकिंग’ का उपयोग करते हुए सतत वृद्धि हासिल की है।

प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर की दो डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) समेत कुल 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि ये इकाइयां वित्तीय समावेश का विस्तार करेंगी और नागरिकों के बैंकिग अनुभवों को बेहतर बनाएंगी।

उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति का सीधा संबंध इसकी बैंकिंग प्रणाली की मजबूती से है। मोदी ने कहा कि देश 2014 से पहले की ‘फोन बैंकिंग’ प्रणाली से आगे बढ़कर बीते आठ वर्षों में ‘डिजिटल बैंकिंग’ को अपना चुका है जिससे भारत लगातार आगे बढ़ा है। भाजपा की अगुवाई वाली सरकार मई 2014 में सत्ता में आई थी।

मोदी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने पारदर्शिता को केंद्र में रखते हुए बैंकिंग प्रणाली में बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा, ‘गैर निष्पादित आश्वस्तियों (एनपीए) की पहचान में पारदर्शिता लाने से बैंकिंग प्रणाली में लाखों करोड़ रुपए वापस आए हैं। हमने बैंकों का पुनर्पंजीकरण किया, जानबूझकर चूक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की और भ्रष्टाचार-रोधी कानून में सुधार किए।’

उन्होंने कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) को अमल में लाने से बैंकिंग क्षेत्र के एनपीए के पारदर्शी एवं वैज्ञानिक तरीके से समाधान में मदद मिली। डिजिटल बैंकिंग इकाइयों और फिनटेक के नवोन्मेषी उपयोग को लाभकारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे बैंकिंग प्रणाली में नई स्वचालित प्रणाली बनी है।

मोदी ने कहा, ‘हमने बैंकिंग सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।’ उन्होंने ग्रामीण इलाकों के छोटे व्यवसायों के मालिकों से डिजिटल लेनदेन पूरी तरह अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने बैंकों को अपने साथ कम से कम 100 व्यवसायियों को जोड़ने को कहा ताकि वे पूरी तरह डिजिटल हो जाएं जिससे देश को फायदा होगा।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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