824 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला

Last Updated 30 Sep 2022 03:14:16 PM IST

15 बीमा कंपनियों के साथ-साथ कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के खिलाफ 824 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी का पता चला है।


824 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला

घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इन कंपनियों को कथित तौर पर माल और सेवाओं की आपूर्ति को कम किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाते पाया गया था।

सूत्रों ने बताया कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंश्योरेंस के खिलाफ माल और सेवाओं की आपूर्ति को कम किए बिना कथित रूप से अयोग्य आईटीसी का लाभ उठाने के लिए प्राप्त विशिष्ट इनपुट के आधार पर, कुछ अन्य सामान्य बिचौलियों की भी पहचान की गई थी।

उन्होंने बताया कि आगे की जांच में यह पता चला कि इन संस्थाओं ने विपणन सेवाओं की आड़ में 'अयोग्य' आईटीसी को पारित करने की व्यवस्था की थी और कथित तौर पर एक-दूसरे के साथ मिलकर एक व्यवस्थित कार्यप्रणाली का पालन करके धोखाधड़ी वाले चालान बनाए गए थे।

घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने कहा कि मुख्य रूप से बीमा कंपनियों के इशारे पर काम करने का तरीका व्यवस्थित रूप से योजनाबद्ध और क्रियान्वित किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि जांच से पता चला है कि बीमा कंपनियां जीएसटी की शुरुआत से ही इस तरीके को अंजाम दे रही थीं।

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) के अधिकारियों द्वारा कई शहरों में कई बीमा कंपनियों और एनबीएफसी के परिसरों की तलाशी ली गई। तलाशी अभी भी चल रही है।

सूत्रों ने कहा कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने जांच के दौरान कथित तौर पर सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 74(5) के तहत स्वेच्छा से 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

सूत्रों ने आगे बताया कि अब तक 824 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला है और अयोग्य आईटीसी का लाभ उठाने और उपयोग करने वाली विभिन्न बीमा कंपनियों ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 74 (5) के तहत स्वेच्छा से कुल 217 करोड़ रुपये नकद का भुगतान किया है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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