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गैर-ब्रांडेड पैकेज्ड खाद्य पदार्थों को जीएसटी के तहत लाया जाएगा | ||||
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अनब्रांडेड प्री-पैकेज्ड फूड आइटम, 1,000 रुपये से कम के कमरे के किराए वाले होटलों को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाने का फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया गया है।
चंडीगढ़ में दो दिवसीय जीएसटी काउंसिल की बैठक मंगलवार से शुरू हो गई।
ऐसा कहा जा रहा है कि परिषद ने अपनी 47वीं बैठक में विवादों से बचने के लिए गेहूं का आटा, पनीर, फूला हुआ चावल और अन्य वस्तुओं जैसे पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला किया है।
ब्रांडेड अनाज पर जीएसटी लगता है जबकि गैर-ब्रांडेड अनाज पर नहीं।
इसके अलावा, परिषद प्रति दिन 1,000 रुपये से कम के कमरे के टैरिफ वाले होटलों को दी गई छूट को हटा देगी और एलईडी लैंप, खाद्य तेल, सौर वॉटर हीटर और अन्य जैसी कई वस्तुओं के लिए उल्टे शुल्क संरचना को ठीक करने का भी निर्णय लिया।
यह भी कहा जा रहा है कि परिषद इलेक्ट्रॉनिक कचरे पर जीएसटी को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत (चेक बुक और लूज लीफ चेक पर कर लगाना) चीनी और अन्य जैसी कर योग्य वस्तुओं के भंडारण पर छूट वापस लेना, एलईडी लैंप, चाकू, ब्लेड, बिजली से चलने वाले पंप, चम्मच, कांटे, डेयरी मशीनरी पर कर की दरें छह प्रतिशत बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने पर सहमत हो गई है।
परिषद जीएसटी मुआवजे की तारीख को बढ़ाने का फैसला करेगी जो कि 30 जून को समाप्त हो रही है और कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने इसकी मांग की है।
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