ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में 'भारत बंद' का मिलाजुला असर, यूपी में खास प्रतिक्रिया नहीं

Last Updated 26 Feb 2021 10:34:26 AM IST

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी नियमों में हाल ही में किये गए कुछ संशोधन तथा ई कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए शुक्रवार को एक दिन के हड़ताल का आह्वान किया है।


तेल की बढ़ती कीमतों, नए ई-वे बिल और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के खिलाफ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा आहूत भारत बंद को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली।

ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (एटवा) ने बंद को समर्थन देने की घोषणा की थी, लेकिन उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ट्रांसपोर्टरों का बंद पर रुख बंटा रहा और सुबह 6 बजे 'चक्का जाम' के बाद भी सड़क पर ट्रकों की आवाजाही जारी रही।

लखनऊ, मेरठ और आगरा सहित लगभग सभी प्रमुख शहरों में वाणिज्यिक प्रतिष्ठान शुक्रवार को खुले रहे। मेरठ के एक व्यवसायी राज कुमार चौधरी ने कहा, "भारत बंद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी। इसके अलावा, हमारा कारोबार पहले से ही सुस्त है। हम और ज्यादा बंद नहीं कर सकते।"

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) की कोर कमेटी के अध्यक्ष मलकीत सिंह ने कहा कि उन्होंने भारत बंद से पहले ही खुद को इससे अलग कर लिया था। उन्होंने कहा, "यह बंद केवल कागज पर है न कि जमीनी स्तर पर।"

इस बीच, शुक्रवार को लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में पुलिस बल की भारी तैनाती देखी गई। ट्रांसपोर्ट नगर राज्य की राजधानी में परिवहन गतिविधि का केंद्र है और ट्रांसपोर्टरों का एक मीटिंग पॉइंट है।

जिला के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी व्यावसायिक या परिवहन गतिविधि को बलपूर्वक बंद कराने की कोशिश को रोकने के लिए पुलिस की तैनाती की गई है।

बिहार : तेजस्वी साइकिल चलाकर विधानसभा पहुंचे

बिहार विधानसभा बजट सत्र में शुक्रवार को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने महंगाई को लेकर सरकार को घेरा। इस क्रम में तेजस्वी यादव साइकिल चलाकर विधानसभा पहुंचे। पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों का विरोध करने के लिए उन्होंने साइकिल की सवारी की। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी अपने आवास से साइकिल से विधानसभा पहुंचे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे आम लोग परेशान है। उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण गरीबों का हाल बेहाल है, लेकिन डबल इंजन की सरकार चुप्पी साधे हुए है।

थरूर ने किया ऑटो रिक्शा प्रदर्शन

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को एक ऑटो रिक्शा को यहां रस्सी से खींचकर बढ़ती ईंधन की कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। थरूर अपने निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों पर उतरे और सैकड़ों ऑटो रिक्शा चालकों का नेतृत्व किया। उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से बढ़ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों के खिलाफ विरोध व्यक्त करने के लिए एक तीन पहिया वाहन को रस्सी से खींचा।

थरूर ने ड्राइवरों को संबोधित करते हुए कहा, "आम आदमी के लिए ईंधन कर का बोझ बहुत मुश्किल साबित हो रहा है। भारतीय अपने ईंधन पर 260 प्रतिशत कर का भुगतान करते हैं, जबकि अमेरिकी, इसके लिए 20 प्रतिशत कर देते हैं। ईंधन की कीमतें सभी वस्तुओं के मूल्यों को प्रभावित करती है।"
 

ओडिशा में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे

ओडिशा में दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे क्योंकि ओडिशा ट्रेडर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को भारत बंद को समर्थन दिया।

बंद का असर राज्य के विभिन्न जगहों पर देखा गया। भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, बालासोर और बेरहामपुर और अन्य स्थानों पर दुकानें और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि, बंद के कारण आवश्यक सेवाओं और वाहनों की आवाजाही प्रभावित नहीं हुई। कुछ स्थानों पर व्यापारियों ने बंद के समर्थन में रैलियां भी निकालीं।

ओडिशा ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव सुधाकर पांडा ने कहा, "सरकार जीएसटी का दावा एक सरल कराधान प्रक्रिया के रूप में करती है, लेकिन इसमें काफी जटिलताएं हैं। हम जीएसटी के सरलीकरण के प्रावधानों की समीक्षा की मांग करते हैं। हम ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और ई-वे बिल का भी विरोध कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि बंद शांतिपूर्ण और सफल रहा है।

कर्नाटक में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से आम जन-जीवन बेअसर

प्रदेश भर में सड़कों एवं राजमार्गो से अधिकांश ट्रक एवं मालवाहक वाहन नदारद रहे। हालांकि दूध, दवा और फल और सब्जियों जैसी दैनिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित नहीं हुई। इसके परिणामस्वरूप आम जन-जीवन पर कुछ खास असर देखने को नहीं मिला।

भारत बंद के आह्वान के समर्थन में एक दिन की हड़ताल काफी हद तक सफल रही। कर्नाटक स्टेट लॉरी ओनर्स एंड एजेंट्स एसोसिएशन ने ईंधन की बढ़ती कीमतों, वस्तु व सेवा कर, ई-बिल आदि के विरोध में कैट के भारत बंद के आह्वान को अपना पूर्ण समर्थन दिया।

एसोसिएशन के अध्यक्ष जी.आर. शनमुगप्पा ने कहा कि लगभग 75,000 ट्रक जो बेंगलुरु में संचालन करते हैं, सड़कों से नदारद रहे। उन्होंने कहा कि हमने दूध, दवा और फल और सब्जियों जैसे दैनिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित नहीं की, लेकिन हमारी हड़ताल काफी हद तक सफल रही।

राजस्थान में कोई असर नहीं

जीएसटी और ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा आहूत बंद को शुक्रवार को राजस्थान के व्यापारियों का खास समर्थन नहीं मिला क्योंकि बाजार सुचारू रूप से खुले थे। जयपुर में सभी बाजार खुले रहे और व्यापारी नियमित कारोबार करते देखे गए।

कैट की राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीमा सेठी सीएआईटी ने बताया, "हमने व्यापारियों के लाभ के लिए आह्वान किया है, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें इसके महत्व का एहसास नहीं हुआ है और इसलिए उन्होंने एकजुटता नहीं दिखाई है।" उन्होंने कहा, "व्यापारियों के बीच कई समूह हैं और बहुत सारी राजनीति की जा रही है। जब उन्हें इस बंद के महत्व का एहसास होगा, तो वे हमारे साथ हाथ मिलाएंगे।"सेठी ने आगे कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम के ज्ञापन राजस्थान के मुख्यमंत्री और जयपुर के सांसद रामचरण बोहरा को सौंपे गए हैं।

हालांकि, उन्होंने दावा किया कि अलवर और जोधपुर जैसे जिलों में भारत बंद सफल रहा है, "राज्य में बंद 60 फीसदी सफल रहा है।" इस पर पलटवार करते हुए, राज्य के व्यापारियों ने कहा कि उन्हें पहले ही कोविड और लॉकडाउन के कारण भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, और वे अब किसी भी तरह के बंद के पक्ष में नहीं हैं।

 


 
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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