बाजार में जल्द उतरेगी आलू की नई फसल, कीमतों पर लगेगी लगाम

Last Updated 03 Nov 2020 09:12:51 AM IST

हिमाचल प्रदेश और पंजाब से आलू की नई फसल की आवक जल्द शुरू होने जा रही है और कोल्ड स्टोरेज से भी आलू की सप्लाई में बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे आने वाले दिनों में कीमतों पर लगाम लग सकती है।


कारोबारियों की मानें, तो नवंबर के आखिर तक आलू की आवक इतनी बढ़ जाएगी कि आयात की जरूरत नहीं होगी।

आलू के दाम पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने 10 लाख टन आलू टेरिफ रेट कोटे के तहत 10 फीसदी आयात शुल्क पर आयात करने की अनुमति दी है। साथ ही, भूटान से 31 जनवरी 2021 तक आलू आयात करने के लिए लाइसेंस की जरूरत खत्म कर दी गई है।

देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में विगत एक सप्ताह से आलू का मॉडल रेट यानी औसत थोक भाव 30 रुपये प्रति किलो है, जबकि अधिकतम और न्यूनतम थोक कीमतें क्रमश: 44 रुपये और 20 रुपये प्रति किलो है।

आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर हिमाचल प्रदेश और पंजाब से आलू की नई फसल की आवक शुरू होने वाली है और जैसे-जैसे नई फसल की आवक बढ़ेगी, भाव टूटना शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में भी इस समय आलू का पर्याप्त स्टॉक है और आने वाले दिनों में सप्लाई बढ़ेगी जिससे कीमतों में नरमी आएगी। उन्होंने बताया कि थोक में आलू ज्यादातर 25 से 30 रुपये किलो बिक रहा है और आने वाले दिनों में भाव और टूटेगा।

हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह के मुताबिक, विदेशों से आलू का आयात करीब 350 डॉलर प्रति टन के भाव पड़ेगा, जिस पर 10 फीसदी आयात शुल्क जोड़ने के बाद करीब 28 रुपये प्रति किलो तक पड़ेगा, जबकि देश में इस समय आलू का थोक भाव 28 से 30 रुपये किलो है। ऐसे में आयात की संभावना कम है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले और हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पंजाब के होशियारपुर इलाके से आलू की नई फसल इस महीने बाजार में उतर जाएगी और इसके बाद अन्य इलाकों से भी आलू की आवक शुरू हो जाएगी।

राजेंद्र शर्मा का कहना है कि आलू के दाम में जो वृद्धि हुई उसकी वजह कोल्ड स्टोरेज से सप्लाई में कमी रही है, लेकिन अब नई फसल की आवक शुरू होने से पहले सप्लाई में इजाफा हो सकता है। शर्मा के मुताबिक, आलू के दाम में वृद्धि सटोरियों की वजह से आई।

देश में आलू के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर के आखिर तक प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में आलू का स्टॉक करीब 15 लाख टन अभी बचा हुआ था।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कीमत सूची के अनुसार, सोमवार को देशभर आलू का खुदरा भाव 26 रुपये से 62 रुपये प्रति किलो था। दिल्ली में आलू का औसत खुदरा भाव 45 रुपये किलो था।

आवक बढ़ने से हरी शाक-सब्जियों की कीमतों में विगत एक सप्ताह से काफी गिरावट आई है और उत्तर भारत की मंडियों में आलू की नई फसल उतरने पर इसके दाम में भी नरमी आने की संभावना है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment