प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के शिकोहपुर में एक जमीन सौदे से जुड़े धन शोधन के एक मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के कारोबारी पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

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सूत्रों ने बताया कि यह पहली बार है जब किसी जांच एजेंसी ने 56 वर्षीय वाद्रा के खिलाफ आपराधिक मामले में अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) दाखिल की है।
उन्होंने बताया कि वाड्रा और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत यहां एक स्थानीय अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। संघीय जांच एजेंसी ने अप्रैल में लगातार तीन दिनों तक मामले में वाद्रा से पूछताछ की थी।
वाद्रा के खिलाफ जांच हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर (अब सेक्टर 83) में हुए ज़मीन सौदे से जुड़ी है। फरवरी 2008 का यह सौदा स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने किया था, जिसके निदेशक पहले वाद्रा थे। कंपनी ने शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी।
उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा नीत कांग्रेस की सरकार थी। चार साल बाद, सितंबर 2012 में, कंपनी ने यह जमीन रियल्टी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी।
यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में विवादों में घिर गया जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और तत्कालीन भूमि चकबंदी और भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीकरण महानिरीक्षक अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज रद्द कर दिया।
वाड्रा ने किसी भी कानून या नियम का उल्लंघन करने से इनकार किया है। उनका कहना है कि यह मामला उनके और उनके परिवार (लोकसभा में मौजूदा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी) के खिलाफ ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ से प्रेरित है।
ईडी वाड्रा के खिलाफ दो अन्य मामलों में जांच कर रही है, जिनमें हथियार सलाहकार संजय भंडारी के खिलाफ मामला और दूसरा, राजस्थान के बीकानेर में एक भूमि सौदे से जुड़ा मामला शामिल है।
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