विजय माल्या की फर्म बंद करने के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज

Last Updated 26 Oct 2020 03:10:24 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शराब कारोबारी विजय माल्या की यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड (यूबीएचएल) द्वारा कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया।


शराब कारोबारी विजय माल्या (file photo)

इसमें किंगफिसर एयरलाइंस लिमिटेड के बकाए की रिकवरी के लिए कंपनी को बंद करने पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति य.ूयू. ललित की अगुवाई वाली खंडपीठ ने यूबीएचएल द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने इस प्रकार यूबी समूह की 102 वर्षीय पैरेंट कंपनी के समापन पर मुहर लगा दी।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के कंसोर्टियम का प्रतिनिधित्व करते हुए शीर्ष अदालत को सूचित किया कि अब तक लगभग 3,600 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है, लेकिन अभी भी माल्या और यूबीबीएल से 11,000 करोड़ रुपये वसूले जाने हैं।

रोहतगी ने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कंपनी की संपत्तियों को कुर्क नहीं करना चाहिए था क्योंकि ये एनक्मबर्ड संपत्तियां थीं और इस तरह बैंकों का संपत्तियों पर पहला दावा था।

फरवरी 2018 में कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार यूबीएचएल का अपने लेनदारों का कुल बकाया लगभग 7,000 करोड़ रुपये है।

30 सितंबर को, यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने अपनी बकाया राशि का निपटान करने के लिए विभिन्न बैंकों को 14,000 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।

यूनाइटेड ब्रुवरीज की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि चूंकि कंपनी की संपत्ति कुल ऋण से अधिक है, इसलिए कंपनी को बंद करने के आदेश देने का फैसला नहीं बनता।

वैद्यनाथन ने जोर देकर कहा कि ईडी ने कंपनी की कई संपत्तियों को कुर्क किया था, जिसके परिणामस्वरूप कोई भी संपत्ति बैंकों के लिए उपलब्ध नहीं थी।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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