जेफ बेजोस बनाम मुकेश अंबानी : भारत के रिटेल सेक्टर पर वर्चस्व की लड़ाई

Last Updated 20 Oct 2020 04:41:04 PM IST

एमेजॉन और किशोर बियानी के बीच मध्यस्थता की कार्यवाही सिंगापुर में शुरू हो गई है।


सूत्रों ने कहा कि सिंगापुर के पूर्व अटॉर्नी जनरल वी.के. राजा ने शुक्रवार, 16 अक्टूबर को मध्यस्थता सुनवाई का समापन किया था और सोमवार 26 अक्टूबर को या उससे पहले अपना फैसला सुनाएंगे।

सिंगापुर के पूर्व अटॉर्नी जनरल राजा, एमेजॉन बनाम फ्यूचर बनाम रिलायंस के बीच झगड़े में मध्यस्थता करने वाले एकमात्र मध्यस्थ हैं।

सिंगापुर में शुक्रवार को मध्यस्थता की एक आपातकालीन सुनवाई हुई। हरीश साल्वे फ्यूचर रिटेल (जिसे आरआईएल अधिग्रहित करने वाली है) की पैरवी के लिए पेश हुए जबकि सिंगापुर में रहने वाले वकील, दविंदर सिंह फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) की ओर से पेश हुए जो किशोर बियानी की होल्डिंग कंपनी है। भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम एमेजॉन की पैरवी के लिए पेश हुए थे।

कहा जाता है कि सुनवाई 5 घंटे तक चली थी। मध्यस्थ वी.के. राजा ने कहा कि वह सोमवार को या उससे पहले अपना फैसला सुनाएंगे।

यह निर्णय अंतत: फ्यूचर ग्रुप के साथ रिलायंस के सौदे की किस्मत का फैसला करेगा। एफसीएल में एमेजॅन का निवेश लगभग 1,500 करोड़ रुपये है, जो दुनिया के सबसे अमीर शख्सियत और एमेजॉन के सीईओ जेफ बेजोस के लिए एक मामूली राशि है।

विशेषज्ञों के अनुसार, फ्यूचर ग्रुप पर एमेजॉन का कानूनी प्रहार का परोक्ष रूप से भारतीय खुदरा क्षेत्र में अगुवा बनने की रिलायंस की कोशिश को विफल करना है।

विश्लेषक इसे दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के बीच खुदरा क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए जंग के रूप में देख रहे हैं। बेजोस 204.6 अरब की संपत्ति के मालिक हैं जबकि अंबानी 88.4 अरब की संपत्ति के मालिक हैं।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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