ट्रंप के H-1B Visa पर रोक के आदेश पर सुंदर पिचाई ने जताई निराशा, नास्कॉम ने भी किया विरोध

Last Updated 23 Jun 2020 03:25:24 PM IST

सर्च इंजन गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एच-1बी वीजा तथा अन्य विदेश कार्य वीजा पर अस्थायी रोक संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर निराशा व्यक्त की और कहा कि वे आव्रजकों के साथ हैं और सभी के लिए अवसर पैदा करने के लिए काम करेंगे।


ट्रंप की ओर से घोषणा जारी होने के बाद भारतीय-अमेरिकी पिचाई ने ट्वीट किया कि आव्रजन ने अमेरिका की आर्थिक सफलता में बहुमूल्य योगदान दिया है और प्रौद्योगिकी में उसे वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाया है, साथ ही गूगल को ऐसी कंपनी बनाया है, जो वह आज है।

पिचाई ने कहा कि आज (मंगलवार) की घोषणा से मैं निराश हूं। हम आव्रजकों के साथ हैं और सभी के लिए अवसर पैदा करने के लिए काम करते रहेंगे। एक अलग बयान में 'लीडरशिप कॉन्फ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्यूमन राइट्स' की अध्यक्ष एवं सीईओ वनीता गुप्ता ने ट्रंप प्रशासन के इस कदम की निंदा करते कहा कि नवीनतम यात्रा प्रतिबंध डोनाल्ड ट्रंप और स्टीफन मिलर द्वारा शुरू किए गए नस्ली और विदेशी विरोधी भावना का एक नया संस्करण है।

ट्रंप प्रशासन में दक्षिण और मध्य एशिया के लिए प्रमुख राजनयिक रहीं एलिस जी वेल्स ने भी इस कदम का विरोध करते कहा कि एच1-बी वीजा कार्यक्रम के जरिए सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट को आकर्षित करने की क्षमता ने अमेरिका को अधिक सफल और लचीला बनाया है। विदेशी प्रतिभाओं को बांधने की कला जानना अमेरिका की ताकत है, कमजोरी नहीं।

एच1-बी वीजा निलंबित करना गलत दिशा में उठाया गया कदम: नास्कॉम

साफ्टवेयर उद्योग के संगठन नास्कॉम ने मंगलवार को अमेरिका द्वारा कार्य वीजा को निलंबित किये जाने की घोषणा को ‘‘गलत दिशा में उठाया गया कदम बताया।’’ संगठन ने कहा कि यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदेह साबित होगा।

नास्कॉम का कहना है कि अमेरिका के इस कदम से संभवत: और ज्यादा काम विदेशों में होने लगेगा क्योंकि वहां स्थानीय स्तर पर इस तरह का कौशल उपलब्ध नहीं हैं।

नास्कॉम की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा सहित अन्य सभी विदेशी कार्य वीजा जारी करने के काम को साल के अंत तक के लिये निलंबित रखने की घोषणा की है। यह वीजा भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के पेशेवरों के बीच काफी प्रचलित है।

ट्रंप ने इस घोषणा का मकसद मौजूदा आर्थिक संकट के दौरान अपना रोजगार खो देने वाले लाखों अमेरिकियों की मदद करना बताया। ट्रंप की घोषणा 24 जून को प्रभाव में आ जायेगी और इससे सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के पेशेवरों के बड़ी संख्या में प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके साथ ही कई अमेरिकी और भारतीय कंपनियों पर भी असर पड़ेगा जिन्हें अमेरिकी सरकार की तरफ से वित्तीय वर्ष 2020- 21 के लिये एच-1बी वीजा जारी किये गये हैं। यह वित्त वर्ष एक अक्टूबर 2020 से शुरू होगा।

नास्कॉम ने एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘अमेरिका की कुछ गैर- आव्रजकों के प्रवेश पर रोक लगाने तथा अन्य के लिये नई शर्तें थोपने की घोषणा अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिये नुकसान दायक है और यह गलत दिशा में उठाया गया कदम है। इस नई घोषणा से नई चुनौतियां खड़ी होंगी और कंपनियों पर विदेशों से अधिक काम करवाने का दबाव बढ़ेगा क्योंकि वहां स्थानीय स्तर पर इस तरह का कौशल उपलब्ध नहीं है।’’
 

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment