चौतरफा दबावों से शेयर बाजार चित, सेंसेक्स और निफ्टी औंधे मुँह
येस बैंक और कोरोना वायरस के प्रभाव से देश के शेयर बाजार उबर नहीं पा रहे हैं। वर्तमान कारोबारी सप्ताह के पहले दिन चौतरफा बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 1100 और निफ्टी 300 अंक से अधिक औंधे मुँह नीचे आ गये।
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वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा करीब 30 प्रतिशत गिरकर 32.11 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया। ऊर्जा बाजार में प्रमुख तेल उत्पादक देशों के बीच कीमतों को काबू में करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाने और इसके बाद प्रमुख निर्यातक सऊदी अरब द्वारा कीमत यु्द्ध छेड़ देने के चलते ये गिरावट आई।
बीएसई सेंसेक्स में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा और 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार के दौरान 1515.01 अंकों या 4.03 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और 36,061.61 पर आ गया। इसी तरह एनएसई निफ्टी 417.05 अंक या 3.80 प्रतिशत टूट कर 10,572.40 पर आ गया।
पिछले सत्र में बीएसई में 893.00 अंकों की और निफ्टी में 279.55 अंकों की गिरावट हुई थी।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक सकल आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,594.84 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,543.78 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की।
सेंसेक्स में सबसे अधिक 11 प्रतिशत गिरावट ओएनजीसी में देखी गई। इंडसइंड बैंक, आरआईएल, पावरग्रिड, टाटा स्टील, एलएंडटी, एसबीआई और टेक मंिहद्रा भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। एकमात्र सन फार्मा के शेयर में बढत देखने को मिली।
कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के माहौल के देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रूख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा।
कारोबारियों ने बताया कि यस बैंक के संकट के मद्देनजर देश के बैकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं।
शंघाई शेयर बाजार में 2.41 प्रतिशत, हांगकांग में 3.53 प्रतिशत, सियोल में 3.89 प्रतिशत और टोक्यो में 5.65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
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