अब थोक महंगाई ने भी उठाया सिर

Last Updated 15 Jan 2020 01:49:11 AM IST

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसम्बर, 2019 में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंच गई। मुख्य रूप से प्याज और आलू के दाम बढ़ने से थोक मुद्रास्फीति बढ़ी है।


थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसम्बर, 2019 में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंची।

नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सिर्फ 0.58 प्रतिशत पर थी। दिसम्बर, 2018 में यह 3.46 प्रतिशत के स्तर पर थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार दिसम्बर में खाद्य वस्तुओं के दाम 13.12 प्रतिशत बढ़े। यह वृद्धि बिल्कुल खाद्य वस्तुओं की खुदरा मुद्रास्फीति की दर के लगभग करीब है। यानी खुदरा और थोक दोनों मुद्रास्फीति में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में खासा इजाफा हुआ। खुदरा मुद्रास्फीति में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 14.12 फीसद बढ़ी थी। एक महीने पहले यानी नवम्बर में इनमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

इसी तरह गैर खाद्य उत्पादों के दाम चार गुना होकर 7.72 प्रतिशत पर पहुंच गए। नवम्बर में गैर खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 1.93 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं में माह के दौरान सब्जियां सबसे अधिक 69.69 प्रतिशत महंगी हुईं। इसकी मुख्य वजह प्याज है जिसकी मुद्रास्फीति माह के दौरान 455.83 प्रतिशत बढ़ी। इस दौरान आलू के दाम 44.97 प्रतिशत चढ़ गए। इससे पहले सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसम्बर में बढ़कर 7.35 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका पांच साल का उच्चस्तर है।

भाषा
नई दिल्ली


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