वाहन जुर्माने पर छिड़ा घमासान, प. बंगाल ने लागू करने से किया इनकार, दिल्ली सरकार कर रही विचार

Last Updated 12 Sep 2019 01:29:54 AM IST

नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत भारी भरकम जुर्माने को लेकर घमासान छिड़ गया है। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो अपने राज्य में इसे लागू करने से ही साफ इनकार कर दिया है।




वाहन जुर्माने पर छिड़ा घमासान (फाइल फोटो)

विपक्ष जहां नए अधिनियम को अव्यावहारिक करार दे रहा है, वहीं विधानसभा के आसन्न चुनावों के मद्देनजर भाजपा शासित राज्य भी इसे लागू करने में हिचकिचा रहे हैं। कई राज्यों ने इसे लागू न करने का ऐलान किया है। यहां तक कि भाजपा शासित राज्य गुजरात ने जुर्माने की रकम को आधा कर दिया है तो उत्तराखंड ने जुर्माने में मामूली राहत दी है। वहीं महाराष्ट्र ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिख कर इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। इस बीच दिल्ली सरकार ने भी जुर्माने की रकम आधा करने के संकेत दिये हैं। राज्यों के रुख को देखते हुए नितिन गडकरी ने नियमों को लागू करने के तौर तरीकों का पूरा मामला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है।

आम आदमी पर बोझ बढ़ेगा : कोलकाता से प्राप्त समाचार के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य संशोधित मोटर वाहन कानून को लागू नहीं करेगा, क्योंकि इसके तहत प्रस्तावित भारी जुर्माना आम आदमी पर बहुत बोझ डाल देगा। बनर्जी ने कहा कि एक संघीय ढांचे में मोटर वाहन (संशोधन) कानून लागू करने जैसे मुद्दों पर फैसला लेना एक राज्य का विशिष्ट अधिकार होता है। राज्य सरकार पहले ही ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ अभियान शुरू कर चुकी है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। राज्य सरकार द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम को लागू नहीं करने के पीछे के कारण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे लागू नहीं कर रहे हैं, क्योंकि यह बहुत सख्त है। प्रस्तावित जुर्माना गरीबों के लिए बहुत भारी पड़ेगा।’’

राज्य अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भाजपा शासित राज्य गुजरात द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़ाए गए जुर्माने में भारी कटौती करने को ज्यादा तूल नहीं देते हुए कहा कि यह मामला समवर्ती सूची का है और इसमें राज्य अपने फैसले लेने को स्वतंत्र हैं।  उन्होंने कहा, ‘यदि राज्य जुर्माना घटाना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन लोगों का जीवन बचाया जाना चाहिए और दुर्घटनाओं में कमी लाई जानी चाहिए।’

भारी जुर्माने पर सोच-समझकर निर्णय लेगी सरकार : गहलोत 
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों पर लगाए जा रहे भारी-भरकम जुर्माने से राहत देना चाहती है व इस बारे में विचार कर निर्णय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न पक्षों से प्रतिक्रिया ले रही है और इस बात पर गौर कर रही है कि दूसरे राज्य इसे किस तरह लागू कर रहे हैं।

उत्तराखंड सरकार ने दी राहत
उत्तराखंड में वाहन चालकों की हड़ताल के बाद प्रदेश कैबिनेट ने संशोधित मोटर यान अधिनियम के उल्लंघन पर विभिन्न मामलों में केंद्र सरकार द्वारा तय जुर्माना राशि में कुछ राहत देने का फैसला लिया है। अधिसूचना जारी होने के बाद जुर्माने (शमन शुल्क ) की ये दरें लागू होंगी। हेलमेट के बिना चलने पर 1000 रुपये जुर्माना होगा। ओवर स्पीडिंग पर प्रदेश में 2000 रुपये जुर्माना होगा। पहले यह 400 से 1000 रुपये था। वाहन चलाते वक्त मोबाइल के इस्तेमाल पर पहली बार 1000 रुपए तो दूसरी बार 5000 रुपए जुर्माना होगा। खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर 1000 की बजाय 2000 रुपये जुर्माना होगा । वायु व ध्वनि प्रदूषण पर केंद्र ने 10 हजार जुर्माना रखा है पर प्रदेश में पहली बार में 2500 रुपए तो दूसरी बार में 5000 रुपए जुर्माना होगा।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment