बैंक धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में हिमाचल प्रदेश की कंपनी की 288 करोड़ की संपत्ति कुर्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपए की बैंक धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में हिमाचल प्रदेश की कंपनी और उसके प्रवर्तकों की 288 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की है। जांच एजेंसी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) |
ईडी ने कहा कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लि. की जमीन, इमारत, संयंत्र और मशीनरी की कुर्की के लिए अस्थायी आदेश जारी किया गया है। यह कंपनी हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पोंटासाहिब में स्थित है। इसके अलावा कंपनी के प्रवर्तक राकेश कुमार शर्मा की दिल्ली के मेहरौली में कृषि जमीन तथा निदेशक विनय कुमार शर्मा के नाम रामपुर माजरी और पोंटासाहिब में भारापुर में कृषि जमीन की भी कुर्की की गई है। मनी लांडिं्रग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्क की गई संपत्ति का कुल मूल्य 288 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य पुलिस की कई प्राथमिकी के आधार पर कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘कंपनी को बैंक आफ इंडिया की अगुवाई में बैंकों के समूह ने 289.66 करोड़ रुपए का कर्ज और 1,335 करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी सीमा के लिए मंजूरी दी थी। बाद में खाता फंसे कर्ज (एनपीए) की श्रेणी में आ गया।’
जांच में पाया गया कि राकेश कुमार शर्मा और उनके सहयोगी कर्मचारी तथा आडिटरों ने धोखाधड़ी कर कंपनी की वृद्धि और कारोबार को काफी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। इसका मकसद बैंकों को और कर्ज देने के लिये प्रेरित करना था। इस आधार पर लिए गए कर्ज को बाद में विभिन्न मुखौटा कंपनियों को हस्तांतरित किया गया। ईडी के अनुसार मुखौटा कंपनियों को दी गई राशि बाद में व्यक्तिगत कायरें में खर्च की गई और अचल संपत्ति खरीदी गई। मामले में जांच जारी है।
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