आम्रपाली की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करेगी नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी
सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि आम्रपाली समूह की अधूरी रिहायशी परियोजनाओं को पूरा करने का जिम्मा नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दिया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट |
आम्रपाली ने एक पैसा भी निवेश नहीं किया और निवेशकों की रकम से साम्राज्य स्थापित कर लिया। उसे बाहर का रास्ता दिखाना होगा। बैंक अपना कर्ज आम्रपाली के निदेशकों की निजी सम्पत्ति से वसूलें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली समूह ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि उसने मकान खरीदारों से 11 हजार 652 करोड़ रुपए लिये और इसमें से केवल 10 हजार 630 करोड़ रिहायशी परियोजनाओं के निर्माण पर खर्च किए। लगभग एक हजार करोड़ तो उसे बैठे-बिठाए मिल गए।
जस्टिस अरुण मिश्रा और उदय उमेश ललित की बेंच ने कहा कि वह संकटग्रस्त कंपनी आम्रपाली समूह की सभी 15 प्रमुख रिहायशी संपत्ति नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को दे सकता है क्योंकि कंपनी परेशान 42 हजार फ्लैट खरीदारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में नाकाम रही है।
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