डोनाल्ड ट्रंप की चीन को चेतावनी के बाद लुढ़का कच्चा तेल, 70 डॉलर के नीचे आया ब्रेंट क्रूड
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन से आयातित वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाने की चेतावनी दी है।
प्रतिकात्मक फोटो |
ट्रंप द्वारा रविवार को इस बाबत की चेतावनी देने के बाद सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई और ब्रेंट क्रूड का भाव फिर 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया।
अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार बढ़ने और अब अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक वार्ता विफल होने की संभावनाओं के बीच कच्चे तेल के भाव में और गिरावट के आसार हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल का दाम घटने से भारत में पेट्रोल और डीजल समेत अन्य पेट्रोलिय उत्पादों के दाम घटते हैं।
एनर्जी विश्लेषक बताते हैं कि अल्पावधि में तेल के दाम में और गिरावट आ सकती है, लेकिन फिर रिकवरी आ जाएगी क्योंकि ईरान और वेनेजुएला से तेल की आपूर्ति घटने से वैश्विक मांग के मुकाबले आपूर्ति का संकट बना रहेगा जिसका सपोर्ट हमेशा कच्चे तेल के भाव को मिलेगा।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर जून एक्सपायरी कच्चा तेल अनुबंध पूर्वाह्न् 11.29 बजे 103 रुपये यानी 2.39 फीसदी की गिरावट के साथ 4,204 रुपये प्रति बैरल पर बना हुआ था, इससे पहले भाव 4,197 रुपये प्रति बैरल तक गिरा।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर सोमवार को ब्रेंट क्रूड का जुलाई वायदा पिछले सत्र से 2.22 फीसदी की कमजोरी के साथ 69.28 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले भाव 68.89 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा। वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई का जून अनुबंध न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर 2.32 फीसदी की गिरावट के साथ 60.50 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले भाव 60.06 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा।
एंजेल ब्रोकिंग के एनर्जी व करेंसी रिसर्च मामलों के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल में अभी और गिरावट आ सकती है लेकिन उसके बाद रिकवरी आ जाएगी। गुप्ता ने कहा कि ब्रेंट क्रूड 67-68 डॉलर प्रति बैरल तक फिसल सकता है और डब्ल्यूटीआई में 58 डॉलर तक की गिरावट देखी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि तेल के उत्पादन में ओपेक देशों द्वारा की जा रही कटौती से कीमतों को लगातार सपोर्ट मिल रहा है। उसके बाद ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से आपूर्ति में कमी की आशंका बनी हुई है। फिलहाल अमेरिका में तेल के भंडार मंे अप्रत्याशित वृद्धि की जो पिछले सप्ताह रिपोर्ट आई उससे कीमतों पर दबाव आया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी उत्पादन घटने या बढ़ने में कोई निरंतरता नहीं रहती है इसलिए इससे ज्यादा दिनों तक बाजार पर दबाव नहीं आएगा। बाजार की नजर ओपेक की अगले महीने के आखिर में होने वाली बैठक पर होगी जिससे उत्पादन कटौती वापस लेने पर विचार किया जा सकता है। तेल निर्यातक देशों का समूह ने पिछले साल के आखिर में 12 लाख बैरल रोजाना आपूर्ति कटौती का फैसला लिया था, जो इस साल लागू है।
बहरहाल, ट्रंप के बयान से अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक वार्ता के बेपटरी होने से वैश्विक व्यापार प्रभावित होने की आशंका है जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की पहले से ही सुस्त पड़ी रफ्तार और मंद हो जाएगी क्योंकि चीन और अमेरिकी दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ दो बड़े व्यापारिक साझेदार भी हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके रविवार को चीन से आयातित 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 फीसदी से 25 फीसदी करने की चेतावनी दी।
....of additional goods sent to us by China remain untaxed, but will be shortly, at a rate of 25%. The Tariffs paid to the USA have had little impact on product cost, mostly borne by China. The Trade Deal with China continues, but too slowly, as they attempt to renegotiate. No!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 5, 2019
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट करके कहा कि वह चीनी वस्तुओं के एक समूह पर आयात शुल्क शुक्रवार को 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर देंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी चेतावनी दी है कि वह 325 अरब डॉलर की चीनी वस्तुओं पर भी 25 फीसदी का शुल्क लगाएंगे।
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