Budget 2019: असंगठित क्षेत्र के कर्मियों के लिए पेंशन की घोषणा, कर रहित गेच्युटी बढाकर 30 लाख रुपए की

Last Updated 01 Feb 2019 01:31:27 PM IST

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने असंगठित क्षेत्र के कर्मियों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रुपए की मासिक पेंशन मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम)योजना शुरू करने की शुक्रवार को घोषणा की।


बढ़ी ग्रेच्युटी की सीमा और की इस बड़ी पेंशन योजना की घोषणा

योजना के अनुसार असंगठित क्षेत्र का कोई कर्मचारी यदि 29 वर्ष की आयु में इस पेंशन योजना में दाखिल होता है तो उसे 60 वर्ष की आयु तक हर माह 100 रुपये का योगदान देना होगा। इससे 60 वर्ष की आयु के बाद उसे हर माह 3,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।      

योजना में असंगठित क्षेत्र का कोई कर्मचारी 18 वर्ष की आयु में प्रवेश करता है तो उसे हर माह 55 रुपये का योगदान देना होगा। सरकार हर कर्मचारी के पेंशन खाते में प्रति माह बराबर की राशि का अंशदान करेगी।     

गोयल ने कहा, ‘‘इस योजना से असंगठित क्षेत्र में 10 करोड़ कर्मियों को लाभ होगा। यह योजना आगामी पांच साल में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है।’’      

मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया कि सरकार बजट में इस योजना के लिए शुरुआत में 500 करोड़ रुपए मुहैया करा रही है। बाद में इसके लिए अतिरिक्त राशि उपलब्ध करायी जाएगी। इस योजना को चालू वर्ष से लागू किया जाएगा।     

ग्रेच्युटी के बारे में गोयल ने कहा कि पिछले साल मार्च में कर रहित ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया था। वह सभी कर्मचारी जो पांच साल से अधिक काम करते हैं वह नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के हकदार होंगे।     

सरकार की अन्य उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए गोयल ने कहा, ‘‘नयी पेंशन योजना (एनपीएस) को और उदार बनाया गया है। सरकार ने एनपीएस में अपने योगदान को बढाकर 10ù से 14ù कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि श्रमिकों को दिए जाने वाले मासिक बोनस की सीमा 3,5000 रुपये से बढाकर 7,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है। पहले इसके लिए पात्र श्रमिक का मेहनताना 10,000 रुपये प्रति माह होना चाहिए था जिसे बढाकर अब 21,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।     

गोयल ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में करीब 42 करोड़ कर्मी देश की अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दे रहे हैं। ईएसआईसी की सुरक्षा पात्रता सीमा भी रुपये 15,000 प्रतिमाह से बढाकर रुपये 21,000 प्रतिमाह कर दी गई है।     

सभी श्रमिकों के न्यूनतम पेंशन प्रतिमाह 1,000 रुपये तय की गई है। सर्विस के दौरान किसी श्रमिक की मृत्यु होने की स्थिति में ईपीएफओ द्वारा राशि 2.5 लाख रुपये से बढाकर 6 लाख रुपये तक सुनिश्चित की गई है।     

आंगनबाड़ी और आशा योजना के तहत सभी श्रेणियों के कार्मिकों के मानदेय में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।      

गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की प्रकिया ने रोजगार के अवसरों का विस्तार किया है जो कि ईपीएफओ की सदस्यता में भी दिखता है। दो सालों में लगभग 2 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ है जिससे अर्थव्यवस्था के औपचारिक होने का संकेत मिलता है।

 

 

भाषा
नई दिल्ली


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