अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे की स्थिति संतोषजनक रहने की उम्मीद: जेटली

Last Updated 10 Feb 2018 03:09:42 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय स्थिति संतोषजनक रहने की उम्मीद है और मौजूदा स्थिति को देखते हुये राजकोषीय घाटा लक्ष्य से ऊपर निकलने की किसी तरह की कोई चिंता नहीं दिखाई देती है.


वित्त मंत्री अरुण जेटली और उर्जित पटेल

वित्त मंत्री ने विश्व बाजार में कच्चे तेल के बढते दाम को लेकर तुरंत किसी तरह की चिंता को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अटकलबाजी को लेकर किसी तरह का कोई आकलन नहीं किया जाना चाहिये. इस मामले में यदि पिछले तीन दिन में कच्चे तेल के दाम का रुख देखा जाये तो यह बिल्कुल् उल्टा रहा है. कच्चे तेल के दाम चढने के बाद गिरे हैं.
   
उन्होंने कहा कि इस समय जो स्थिति है उसे देखते हुये अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढने की आशंका नहीं दिखाई देती है.
   
बजट के बाद रिजर्व बैंक निदेशक मंडल के साथ होने वाली परंपरागत बैठक को संबोधित करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जेटली ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति एमपीसी की पिछली बैठक में दरों को अपरिवर्तित रखने का जो निर्णय लिया गया वह ‘‘संतुलित निर्णय’’ था.
   
रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में सात फरवरी को मौद्रिक नीति समिति की बैठक हुई थी, जिसमें मुख्य नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया गया.

जेटली ने कहा, ‘‘ .. जहां तक वित्तीय स्थिति की बात है, मुझे लगता है कि राजस्व के लिहाज से अगला वित्तीय वर्ष संतोषजनक रहेगा. इस समय की स्थिति के अनुसार मुझे अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढने की समस्या नहीं दिखाई देती.’’


   
जेटली ने इससे पहले पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्र्ड सेबी निदेशक मंडल के साथ भी बैठक की. उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार नियामक ने जो प्रस्तुतीकरण बैठक में दिया, उसे देखते हुये यह लगता है कि पूंजी जुटाने की जहां तक बात है कारपोरेट बॉंड को लेकर भरोसा बढा है.
  
उल्लेखनीय है कि पूंजी बाजार में कारपोरेट बॉंड के जरिये पूंजी जुटाने को लेकर बेहतर रुझान देखा गया है. इसके चलते कंपनियों का रिण-इक्विटी अनुपात बेहतर होने की उम्मीद है.
 

ब्याज दर में कटौती से संतुष्ट है आरबीआई

आरबीआई निदेशकों के केंद्रीय बोर्ड के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली की यहाँ हुई बजट बाद बैठक के पश्चात संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में उर्जित पटेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने जब नीतिगत दरों में कटौती का सिलसिला शुरू किया था उसके (जनवरी 2015 के) बाद से यदि बैंकों द्वारा ऋण पर ब्याज दर में की गयी कटौती देखी जाये तो ग्राहकों को अच्छा फायदा दिया गया है.
      
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हालाँकि ग्राहकों को फायदा देने में बैंकों ने देरी की, लेकिन अब बैंकों से ऋण लेने वालों को अच्छा फायदा मिल चुका है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती तेजी से हुई.

 

भाषा/वार्ता


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment