यूनिटेक को राहत नहीं, SC का निवेशकों को 80-80 हजार देने का निर्देश

Last Updated 21 Sep 2017 01:44:16 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने यूनिटेक को गुरुग्राम के विस्टा प्रोजेक्ट के 39 निवेशकों को मुकदमे के खर्च के तौर पर 80-80 हजार रुपए चुकाने का बुधवार को निर्देश दिया.


सुप्रीम कोर्ट का निवेशकों को 80-80 हजार देने का निर्देश

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने हर्जाने की इस राशि के भुगतान के लिए यूनिटेक को चार सप्ताह का समय दिया है. इसके साथ ही न्यायालय ने इस मामले का निपटारा कर दिया.

न्यायालय ने पहले ही इन निवेशकों को उनका मूलधन और 14 फीसद सालाना की दर से ब्याज दिला दिया था. दरअसल, शीर्ष अदालत ने सभी खरीदारों को रजिस्ट्री में जमा राशि में से अपनी मूल राशि दस्तावेज दिखाकर लेने को कहा था.

इन 39 निवेशकों ने गुरुग्राम के सेक्टर 70 में यूनिटेक के विस्टा प्रोजेक्ट में फ्लैट के लिए 2010 में 16.55 करोड़ रुपए जमा किये थे. रियल एस्टेट कंपनी ने इन निवेशकों को 2012 में फ्लैट देने का वादा किया था, लेकिन समय पर फ्लैट न देने पर इन निवेशकों ने रकम वापस करने की इच्छा जाहिर की थी, जिसके बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) ने यूनिटेक से इन निवेशकों को ब्याज के साथ मूलधन वापस करने आदेश दिए थे.

आयोग के इस फैसले को यूनिटेक ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. न्यायालय ने बुधवार के अपने आदेश में कहा, जिन-जिन निवेशकों ने एनसीडीआरसी से मुकदमा जीता था, उन्हें मुकदमे के खर्चे के तौर पर 80-80 हजार रुपए चार सप्ताह के भीतर दिए जाए.

आम्रपाली के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, निवेशकों ने कहा, बैंकों की तरह हम भी देनदार

रियल इस्टेट की बड़ी कंपनी आम्रपाली को दिवालिया घोषित करने के खिलाफ कई फ्लैट खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. आम्रपाली में फ्लैट बुक कराने वाले सौ से अधिक खरीददारों ने अपने हितों की रक्षा की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. खरीददारों का अनुरोध है कि उन्हें भी बैंकों और वित्तीय संस्थानों की तरह ही सुरक्षित देनदार माना जाए.

ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली सेन्चूरियन पार्क-लो राइज परियोजना, आम्रपाली सेन्चूरियन पार्क-टेरेस होम्स और आम्रपाली सेन्चूरियन पार्क-ट्रापिकल गार्डन परियोजना में फ्लैट खरीदने वालों को न तो अभी तक घर मिले हैं और न ही इनमें निवेश की गई उनकी गाढ़ी कमाई ही वापस मिली है.

इन परियोजनाओं में चरणबद्ध तरीके से करीब 40 टावरों में पांच हजार से अधिक फ्लैट का निर्माण होना था. नई याचिका बिक्रम चटर्जी और 106 अन्य खरीददारों ने दायर की है. इसमें आम्रपाली सिलकन सिटी प्राइवेट लिमिटेड को दिवालिया घोषित करने के लिए बैंक आफ बड़ोदा के मामले में नेशनल कंपनी ला न्यायाधिकरण का आदेश निरस्त किया जाए. न्यायाधिकरण ने चार सितंबर को बैंक आफ बड़ोदा की याचिका पर इस फर्म के खिलाफ दिवालिया घोषित करने संबंधी कानून के तहत कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया था.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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