वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र को चेताया, कर्जा चुकाओ या कारोबार छोड़ो

Last Updated 01 Sep 2017 02:53:43 AM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों का कर्ज लेकर उसे नहीं लौटा पाने वाली निजी कंपनियों के मालिकों से कहा है कि वह अपना बकाया चुकाएं या फिर कारोबार छोड़कर उसका नियंत्रण किसी दूसरे के हवाले कर दें.


वित्त मंत्री अरुण जेटली (file photo)

भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून के तहत हाल ही में ऐसी 12 बड़ी कर्जदार कंपनियों के खिलाफ दिवाला कारवाई शुरू करने का बैंकों को निर्देश दिया है. इन कंपनियों में दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज फंसा हुआ है. यह राशि बैंकों के कुल फंसे कर्ज का एक चौथाई के करीब है. बैंकों से कर्ज लेकर उसे नहीं लौटा पा रहे कुछ और कर्जदारों के खिलाफ भी कार्रवाई को अधिसूचित किया जा रहा है.

जेटली ने कहा कि सरकार बैंकों को और पूंजी उपलब्ध कराने के लिये तैयार है लेकिन फंसे कर्ज का समाधान सरकार के लिए बड़ी प्राथमिकता है. वित्त मंत्री ने यहां इकोनोमिस्ट सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून के जरिये, मैं समझता हूं कि देश में पहली बार फंसे कर्ज के मामले में सक्रिय कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि फंसे कर्ज का समाधान करने में समय लगेगा. आप इस मामले में एक झटके में सर्जिकल कार्रवाई नहीं कर सकते हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बैंकों को पहले ही 70,000 करोड़ रुपए तक पूंजी उपलब्ध करा दी है और उन्हें और पूंजी देने के लिए भी तैयार है. कुछ बैंक बाजार से भी पूंजी जुटा सकते हैं. हम बैंकिंग क्षेत्र में एकीकरण की कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए भी सक्रियता से काम कर रहे हैं. हमें ज्यादा बैंक नहीं चाहिए, हमें कम लेकिन मजबूत बैंक चाहिए.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही देश के सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों के बीच विलय प्रक्रिया को तेज करने का फैसला किया ताकि इन बैंकों की कार्यक्षमता और उनमें संचालन को बेहतर बनाया जा सके.

अमिताभ कांत बोले, पीछे ले जा रहे सात पूर्वी राज्य
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि वृद्धि के स्तर को 10% से अधिक स्तर पर ले जाने के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले करीब 10 राज्यों की जरूरत है. कांत ने कहा कि सात पूर्वी राज्य तथा 201 जिले भारत को पीछे ले जा रहे हैं और इन राज्यों एवं जिलों में जीवन गुणवत्ता में सुधार किए बिना देश के लिए वृद्धि संभव नहीं है.

उन्होंने यहां इकोनामिस्ट सम्मेलन में कहा, आपको 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के लिए बेहतर प्रदर्शन करने वाले करीब 10 राज्यों की जरूरत है. आपको इन राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा का बोध सृजित करने की जरूरत है. अगर ये राज्य वृद्धि करते हैं तब भारत तेजी से वृद्धि करेगा. (भाषा)

भाषा


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