प्रधानमंत्री का सख्त संदेश
पाकिस्तान के साथ सीजफायर के दो दिन बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस्लामाबाद को कड़ा संदेश दिया।
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प्रधानमंत्री ने अपने 22 मिनट के संबोधन में सीजफायर, आतंकवाद, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके), ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम में जघन्य हमला और सिंधु जल समझौते पर बात की। उन्होंने कड़े तेवर के साथ कहा कि टेरर और टॉक, टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते। पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता जाहिर उनका यह संदेश सिर्फ पाकिस्तान के लिए ही नहीं बल्कि विश्व समुदाय के लिए भी था।
प्रधानमंत्री के संबोधन से एक बात साफ हो गई कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान और आतंकवाद के बारे में पुरानी नीति का परित्याग कर दिया है जहां कूटनीति और आतंक का सहअस्तित्व था। उन्होंने विश्व समुदाय को भारत की नई नीति और सिद्धांत के बारे में स्पष्ट तौर पर बता दिया कि अगर आप पाकिस्तान के साथ बात होगी तो आतंकवाद पर और पाक अधिकृत कश्मीर पर ही बात होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। यानी परमाणु हमले की धमकी को अलग-थलग करके आतंकी अड्डों को नष्ट करेगा। यह याद रखा जाना चाहिए कि अगर पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमला करता है तो भारत को सिर्फ खरोंचे ही आएगी, लेकिन विश्व मानचित्र से पाकिस्तान का नाम ही मिट जाएगा। विश्व समुदाय जानता है कि भारत एक जिम्मेदार और सभ्य राष्ट्र है जो पहले परमाणु शस्त्र का इस्तेमाल कभी नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात को दोहराया कि यह युद्ध का समय नहीं है, लेकिन इसी के साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह आतंकवाद का भी समय नहीं है। वास्तव में भारत पिछले दशकों से आतंक की पीड़ा झेल रहा है।
ऐसा पहली बार हुआ कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में इस्लामाबाद से कराची तक 13 जगहों को अपना निशाना बनाया। न केवल निशाना बनाया बल्कि पाकिस्तान के कई लड़ाकू विमानों को नेतस्नाबूद भी कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बुद्ध ने शांति का रास्ता दिखाया है, लेकिन शक्ति से ही शांति का रास्ता निकलता है। इसका अर्थ साफ है कि भारत अब भई बिनु होई न प्रीति..की नीति को आगे बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा भी है कि ‘ऑपरेशन सिंदुर स्थगित हुआ है, खत्म नहीं।
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