विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट को अलविदा
क्रिकेटर विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहना न केवल क्रिकेट प्रेमियों को बल्कि तमाम खेल के दीवानों को अखर गया।
![]() गौरवशाली अध्याय का अंत |
क्रिकेट के सबसे ‘शुद्ध’ और ‘असल’ प्रारूप टेस्ट मैच में अब देश के सबसे काबिल क्रिकेटर कोहली नहीं दिखेंगे। इस खेल में किंग का दर्जा पाए कोहली का आभामंडल निश्चित रूप से विराट है। और इस बात की सत्यता आंकड़ों से स्पष्ट होती है।
123 टेस्ट मैच कोहली ने खेले। इसमें 40 में उन्होंने भारत को जीत दिलाई, लगातार नौ टेस्ट श्रृंखला जीतने का कीर्तिमान कायम किया। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में छह दोहरे शतक, बीस शतक और नाबाद 254 रन का रिकार्ड दर्ज है। स्वाभाविक है, ऐसे रिकार्ड और ऐसा रिकार्ड बनाने वाला अलग मिट्टी का बना होगा।
कह सकते हैं कि भारतीय क्रिकेट के एक गौरवशाली अध्याय का समापन हो गया। ऐसा नहीं है कि उनकी खेल की जिंदगी में उतार-चढ़ाव नहीं आए। तमाम उठापटक, प्रदर्शन में गिरावट और साथी क्रिकेटर और कोच से तनातनी ने उनके करियर को नीचे गिराया, मगर हर बार वो उठ खड़े हुए।
हार न मानने की उनकी फितरत ने उन्हें न केवल क्रिकेट वरन खेल की दुनिया का अनमोल शख्स बनाया। जीवटता और हर हाल में जीतने का जज्बा इस खिलाड़ी को बाकियों से बिल्कुल अलग ठहराता है। बल्लेबाजी की उम्दा तकनीक, और कौशल का तो हर कोई कायल है।
कह सकते हैं कि ‘जेंटलमैन गेम’ को कोहली जैसे खिलाड़ियों ने इज्जत बख्शी। उनका टेस्ट क्रिकेट से बल्ला टांगना निश्चित तौर पर तकलीफदेह है। अगर वो अगले महीने इंग्लैंड दौरे में अपना रंग दिखाते तो बात ही कुछ और होती।
बहरहाल, उनके और दो-तीन दिन पहले रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले से भारतीय ड्रेसिंग रूम में फीकापन आएगा। साथ ही चयकर्ताओं के लिए भी आने वाले समय में मौजूदा खिलाड़ियों के बीच से सक्षम और प्रतिभाशाली खिलाड़ी को चुनने की चुनौती होगी।
हालांकि अच्छी बात यह है कि बेंच स्ट्रेंथ के मामले में टीम इंडिया काफी समृद्ध है। अच्छे खिलाड़ियों से भारतीय खेमा सुसज्जित है। फिलहाल तो इसी बात से संतोष करना पड़ेगा कि कोहली के सदाबहार और हैरतअंगेज शाट्स क्रिकेटप्रेमी एकदिवसीय मैचों में देख सकेंगे।
चूंकि टी-20 प्रारूप से उन्होंने पहले ही संन्यास ले रखा है तो अब हम और आप उन्हें 50 ओवरों वाले मैचों में ही देखने का सुख संजो सकेंगे।
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