पाकिस्तान को सबक सिखाना है जरूरी

Last Updated 13 May 2025 12:42:50 PM IST

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के दरम्यान चार दिनों से चले आ रहे संघर्ष के बाद दोनों देशों में सीजफायर की सहमति बनी। हालांकि पाक की तरफ से समझौते का उल्लंघन भी हुआ, परंतु सेना ने मुस्तैदी से उनके नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया।


सबक है जरूरी

सेनाधिकारियों के अनुसार, जल, थल व वायु में सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है, मगर भारत की संप्रभुता को लेकर सेना सतर्क रहेगी। साथ ही पाक के उस दावे का खंडन भी किया गया, जिसमें भारतीय सेना द्वारा मस्जिदों को निशाना बनाने की बात की गई थी।

बताया जा रहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पड़ोसी मुल्क के चालीस सैनिकों समेत सौ आतंकी मारे गए, जबकि पांच भारतीय सैनिक शहीद हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाक की हर कार्रवाई पर सख्ती से जवाब देने को कहा, वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शांतिपूर्ण वार्ता का मार्ग अपनाने की बात कर रहे हैं।

भारत के इस कड़े कदम को आतंकवाद पर सीधा प्रहार माना जा रहा है। इससे दुनिया के समक्ष संदेश गया, भारत अब आतंकवाद के खिलाफ भीतर घुसकर कार्रवाई करेगा और देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता न करने के प्रति दृढ़ है। मोस्ट वांटेड व खूंखार आतंकियों को मार गिराने के पीछे भारत की मंशा स्पष्ट थी। आंतरिक कलह से जूझ रहे पाक के भीतर आतंकवादियों के प्रति नाराजगी रखने वालों का बड़ा हिस्सा इस सफाये से काफी हद तक संतुष्ट भी बताया जा रहा है।

मोदी के नेतृत्व में यह संघषर्विराम अपनी शतरे पर संभव हुआ है। इसीलिए कूटनीतिक निर्णय के आधार पर सिंधु जल समझौते का निलंबन बहरहाल जारी रखने का निर्णय लिया गया है। अटारी-बाघा सीमाएं बंद रहेंगी और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर रोक रहेगी।

हालांकि सीमावर्ती इलाकों के वाशिंदे अभी भी हमलों के डर से सुरक्षित स्थानों में शरण लिये हैं। युद्ध समस्या का हल नहीं है। यह हमें रूस-यूक्रेन की तबाही से सबक लेना होगा। बेशक शांतिपूर्ण मार्ग चुनने को विवेकपूर्ण व कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।

इसलिए सीजफायर का ऐलान होते ही सोमवार की सुबह बाजार खुलते ही शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। आतंकियों या दहशतगदरे को शरण देने का नतीजा पाक अच्छी तरह भुगत चुका है। उम्मीद की जा सकती है अपनी गलतियों को दोहराने और हेकड़ी दिखाने की बजाए वह समय रहते सबक ले तो यह दोनों देशों के हित में होगा तभी दुनिया में बेहतर संदेश स्थापित हो सकेगा।



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