फाक्सकान का नया कोण
एप्पल आईफोन के लिए कई कल पुरजे बनाने वाली ताईवानी कंपनी फाक्सकान ने फैसला किया है, वह भारत में इलेक्ट्रिकल वाहन बनाएगी।
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यह खबर सिर्फ इतनी नहीं है कि एक विदेशी कंपनी ने भारत में विदेशी निवेश का फैसला किया, विदेशी निवेश तो आएगा ही और जाहिर वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से आएगा। इस निवेश के गहरे भू-राजनीतिक अर्थ हैं। ताईवान चीन के साथ एक लंबे संघर्ष में उलझा हुआ है।
ताईवान को लेकर चीन ने कई धमकियां दी हैं कि वह ताईवान पर आक्रमण भी कर सकता है। कोई भी कंपनी एक शांतिपूर्ण माहौल चाहती है। खास तौर पर उन कंपनियों के लिए तो स्थिर वातावरण अनिवार्य है, जो किसी दूसरे बहुराष्ट्रीय ब्रांड जैसे एप्पल के लिए काम करती हैं। इलेक्ट्रिकल वाहन के क्षेत्र में फाक्सकान के आने का मतलब है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में लागत और गुणवत्ता के स्तर पर नवाचार देखने में आएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर आम उपभोक्ता में बहुत भ्रम हैं।
अभी इन्हें कंसेप्ट वाहनों के तौर पर ही देखा जा रहा है, ये मुख्यधारा में नहीं आए हैं। फाक्सकान का भारत में व्यापक स्तर पर आना एक तरह से चीन के लिए संदेश है कि चीन ने ताईवान को ज्यादा परेशान किया तो चीन के प्रतिस्पर्धी भारत को मजबूत बनाने का काम ताईवान की कंपनियां करेंगी। चीन की दिक्कत यह है कि उसे एक साथ दुनिया में विस्तारवादी झगड़े भी करने हैं और कारोबार भी करना है, ये दोनों काम एक साथ नहीं चल सकते। भारत की इस मामले में वैिक छवि ठीक है।
यहां राजनीतिक स्थिरता है, लोकतंत्र है, न्यायिक व्यवस्था है। ये सब वजहें भारत को तमाम कंपनियों के लिए पसंदीदा देश बनाती हैं। लोकतंत्र के कई लाभांश हैं, उनमें से एक है कि देश को दुनिया भर में आर्थिक तौर पर भी सम्मान मिलता है। ऐसे ही वक्त में जब पड़ोसी देश पाकिस्तान से खबरें आ रही हैं कि तमाम विदेशी कंपनियां अपना कारोबार बंद करके जा रही हैं, तब यह साफ होता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था का क्या अर्थ होता है।
पाकिस्तान में कई विदेशी कंपनियां अपना काम बंद करके जा रही हैं, क्योंकि वे इस मुल्क के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं, पता नहीं यहां पर क्या होने वाला है। यूं तो यहां लोकतंत्र है, पर लोकतंत्र के नाम सेना की मनमानियां कई दशकों से चल रही हैं। कुल मिलाकर भारत को अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था को पूरी दुनिया के सामने से एक विशेषता के तौर पर पेश करना चाहिए ताकि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था और समृद्ध हो सके।
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