Shahabad murder case : घृणा की इंतेहा
इतवार को दिल्ली के शाहबाद (Shahabad murder case) इलाके में पूर्व प्रेमी ने सरेराह नाबालिग लड़की की बेरहमी से हत्या कर दी।
![]() Shahabad murder case : घृणा की इंतेहा |
सारी घटना गली में लगे सीसीटीवी (CCTV) में कैद हुई जिसे देखकर अंदाजा लगता है कि बीस वर्षीय हत्यारोपी साहिल (Sahil) के भीतर किस कदर हैवानियत भरी हुई थी। उसने 16 साल की मृतका को 16 बार चाकू भोका, इतने पर भी उसकी हैवानियत खत्म नहीं हुई तो पत्थर से लाश पर एक के बाद एक कई वार किए।
एसी मैकेनिक साहिल (Sahil) बरवाला (Barwala) की जैन कालोनी (Jain Colony) में परिवार के साथ रहता है। बताया गया कि साक्षी (Sakshi) के साथ उसके दो साल से संबंध थे। हालांकि उसके मां-बाप ने इस तरह की किसी बात से मना किया। मृतका के इससे पहले प्रवीण (Praveen) के साथ रिश्ते थे, लेकिन साहिल से हुए झगड़े के बाद वह प्रवीण के पास लौट गई।
बता रहे हैं, इसी बात को लेकर दोनों में चार दिन पहले झगड़ा हुआ था। इंस्टाग्राम अकाउंट में साहिल ने खुद को शराब प्रेमी लिखा है और हुक्का पीते हुए कई तस्वीरें चस्पा की हैं। एक पोस्ट में वह कह रहा है-दुनिया चैन से जीने नहीं देती, आतंक फैलाना जरूरी है। साक्षी (Sakshi) द्वारा प्रवीण के नाम का टैटू बनवाने से साहिल के सिर पर भूत सवार हो गया। हत्या के बाद वह भाग गया।
पुलिस ने उसे बुलंदशहर से दबोचा। पुलिस के अनुसार, उसे नाबालिग की हत्या पर कोई पछतावा नहीं है। पंद्रह दिन पहले ही उसने हत्या के इरादे से चाकू खरीदा था। अपने समाज में तमाम हत्याओं के मूल में प्रेम संबधों की टूटन या विवाहेतर संबंध ही होते हैं। लेकिन यह वीभत्स हत्या रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
सारी घटना फिल्म के सीन की तरह नजर आई जहां कातिल को चाकू चलाते देखकर भी राहगीर बेफिक्री से निकले जा रहे हैं। यह थप्पड़, घूंसे मारने वाली मामूली घटना नहीं थी, जिसे नजरंदाज किया जाता। विपरीतलिंगी के प्रति आकर्षण और सम्मोहन उम्र के इस मुहाने पर स्वाभाविक है, जिसे अक्सर प्रेम मान लिया जाता है। इसके टूटने पर बदले की भावना के साथ पुरुषवादी अहंकार भी हावी हो जाता है।
उस पर नशे के आदी लड़के का बदले की भावना से भरना अस्वाभाविक नहीं कहा जा सकता। सामाजिक- नैतिक तौर पर हम संक्रमणकाल से गुजर रहे हैं, जहां खुलेपन और उन्मुक्तता को लेकर खींचतान जारी है। ऐसे में ऐसी वीभत्स घटनाएं चेतावनी हैं। इन पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी सबकी है। मामले की गंभीर विवेचना हो वरना ऐसी घटनाओं को सांप्रदायिक रूप देने वालों की मंशा जग-जाहिर है।
Tweet![]() |