चेतावनी है घटना : नाबालिग द्वारा 8 साल के बच्चे के अपहरण व हत्या की वारदात
बीते दो दिनों से देश भर में हरियाणा (Haryana) के सोनीपत (Sonipat) का नाम सुर्खियों में है। राज्य की दसवीं की परीक्षा में अव्वल आने वाली लड़कियों की सराहना हो रही है वहीं एक नाबालिग द्वारा आठ साल के बच्चे के अपहरण व हत्या की वारदात दिल दहला गई।
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आरोपी कोई अपराधी नहीं, ग्यारहवीं में पढ़ने वाला पड़ोस का किशोर है। टीडीआई एस्पानिया (TDI Espania) के रहने वाले ये दोनों छात्र एक ही स्कूल में पढ़ते थे। आरोपी बच्चे को अपने साथ ले गया और सिर पर लोहे की छड़ (पाना) मार-मार कर हत्या कर दी। फिर उसके घर में फिरौती का पत्र फेंका जिसमें उसने सुबह पांच बजे तक छह लाख रुपये का इंतजाम करने की धमकी दी।
सोसाइटी में लगे सीसीटीवी में किशोर के साथ बच्चे को देखकर पुलिस ने उससे पूछताछ की। शुरुआत में तो उसने काफी बरगलाने की कोशिश की पर जल्दी ही टूट गया। शव को वहीं एक पानी के ड्रम में डाल कर छिपा कर वह सामान्य ढंग से घर लौटा और खाना खाकर सो गया।
पुलिस ने बताया किशोर का बाप मानसिक तौर पर बीमार है। इसलिए उसके घर के हालात बहुत खराब हैं। पैसों की जरूरत के चलते उसने खौफनाक कदम उठाया। जुवानाइल जस्टिस बोर्ड ने उसे बाल सुधार गृह भेज दिया है।
आरोपी और मृतक, दोनों के परिवारों के आगे के जीवन में इसका गहरा असर रहेगा। सिर्फ पैसों के अभाव में इस तरह की क्रूरता संभव नहीं है। किशोर के घरेलू माहौल, उसकी पृष्ठभूमि, दोस्त और घरवालों के साथ संबंध की विवेचना भी जरूरी है। जल्द ही वह बालिग हो जाएगा। सुधार गृह में उसके साथ कैसा-क्या बर्ताव होता है, उसी के आधार पर उसका भविष्य तय होगा। लेकिन जिस परिवार का बच्चा बेमौत मारा गया है, उनके दिल-दिमाग में यह वीभत्स घटना हमेशा फांस की तरह चुभी रहेगी।
आधिकारिक तौर पर अपने यहां 174 बच्चे रोजाना गुम होते हैं। इनमें अपहृत बच्चे भी शामिल होते हैं, जिनमें आधे कभी मिलते ही नहीं। अपहरण करके फिरौती वसूलने का धंधा बहुत पुराना है जिसको रोकना किसी के बस में नहीं है। मगर जैसा इस मामले में हुआ, वह अपराधियों का कृत्य नहीं है। एक छात्र द्वारा की गई यह हत्या चेतावनी अवश्य है, किशोरों में पैसों के प्रति उपज रही अभिलिप्सा की जो बगैर मेहनत के मिनटों में धन उगाही करने की उतावली में हैं। समय रहते इसे गंभीरता से लेना होगा।
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