पहलवानों के विरोध प्रदर्शन मामले पर तेज हो कार्रवाई
जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर कुश्ती महासंघ (WFI) प्रमुख एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) के खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन जारी है।
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शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) समेत कई राजनेता प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और पहलवानों का समर्थन किया। पहलवान कुश्ती महासंघ अध्यक्ष को पद से हटाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर हैं।
केजरीवाल (Kejriwal) ने कहा कि महिला खिलाड़ियों को न्याय मिलना चाहिए। आरोपी चाहे जितना भी शक्तिशाली हो, उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए। प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि पीएम मोदी को इन पहलवानों की चिंता है, तो उन्होंने अभी तक इनसे बात या मुलाकात क्यों नहीं की।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस आरोपी के खिलाफ दो FIR दर्ज कर चुकी है, लेकिन पहलवानों ने स्पष्ट कर दिया है कि आरोपी की गिरफ्तारी होने तक उनका धरना जारी रहेगा।
इस बीच, कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ने धरने पर बैठे पहलवानों के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि इस्तीफा देना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन वह अपराधी बनकर इस्तीफा नहीं देंगे। इस्तीफा देने का मतलब है कि मैंने आरोपों को स्वीकार कर लिया है। बृजभूषण ने कहा कि इस विवाद के पीछे कांग्रेस और एक उद्योगपति का हाथ है।
उन्होंने सवाल किया कि वे बारह साल से खिलाड़ियों का यौन शोषण कर रहे थे तो वे आज तक कभी पुलिस स्टेशन, महासंघ या सरकार के पास शिकायत लेकर क्यों नहीं गए? सीधे-सीधे जंतर-मंतर पर धरने पर क्यों बैठ गए? आरोप-प्रत्यारोपों के इतर महत्त्वपूर्ण यह है कि एफआईआर, वह भी सुप्रीम कोर्ट की फटकार के उपरांत, दर्ज होने के बाद मामले की जांच में देरी नहीं होनी चाहिए।
यह मामला गंभीर इसलिए भी है कि पोक्सो के तहत मामला दर्ज हुआ है। ऐसे मामले में आरोपी को जांच में सहयोग करने के लिए तलब करने में पुलिस तनिक भी देर नहीं लगाती। इस मामले में एक तो एफआईआर ही देर से दर्ज की गई और उस पर पुलिस की कार्रवाई में धीमापन बेवजह शंका पैदा करता है।
इस बीच, तमाम अपवाहों का बाजार गर्म है। कहीं जाति विशेष का धरना कहा जाने लगा है, तो कहीं क्षेत्रवादी भावनाएं भड़काने का कुत्सित प्रयास भी होने लगा है। लोक सभा चुनाव निकट होने के कारण कुछ लोग पहलवानों के धरने के पीछे राजनीतिक मंतव्य खोजने में भी जुट गए हैं। बहरहाल, महत्त्वपूर्ण यह है कि एफआईआर दर्ज हो चुकने के बाद पुलिस अपनी कार्रवाई तेज करे।
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