चीन को करारा जवाब

Last Updated 07 Feb 2023 01:33:55 PM IST

चीन को रविवार के दिन बड़ा झटका लगा। एक तरफ अमेरिका ने चीन के संदिग्ध गुब्बारे को मार गिराया तो वहीं भारत ने सट्टेबाजी, जुए (गैंबलिंग) और अनधिकृत रूप से कर्ज देने में शामिल होने के आरोपों में चीन सहित दस विदेशी इकाइयों की ओर से संचालित 232 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया।


चीन को करारा जवाब

स्वाभाविक है चीन इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकता था कि उसके खिलाफ इस तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, चीन इस फितूर में जीता है कि वह कहीं भी, किसी भी देश के खिलाफ कुछ भी कर सकता है। उसे रोकने, टोकने और सबक सिखाने का माद्दा किसी भी देश के पास नहीं है। अमेरिका ने उसके दंभ को न केवल तोड़ा है बल्कि यह संदेश भी दे डाला कि अगर उसकी संप्रभुता को कोई देश भले वह ताकतवर चीन ही क्यों न हो; खतरे में डालेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

दरअसल, यह गुब्बारा करीब एक सप्ताह से अमेरिकी वायुसीमा में था। गुब्बारे के बारे में यह आशंका जताई गई थी कि इसमें जासूसी के उपकरण लगे हैं और चीन अमेरिका व आसपास के देशों की महत्त्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी जुटाने की साजिश में जुटा हुआ है। फिलहाल, समुद्र में गिरे गुब्बारे के मलबे को इकट्ठा किया जा रहा है। उन उपकरणों की जांच के बाद ही यह साफ-साफ पता चलेगा कि चीन सही है या अमेरिकी। क्योंकि चीन का कहना था कि गुब्बारा रास्ता भटक गया था और भूलवश अमेरिकी वायुसीमा में पहुंच गया था। बहरहाल, अमेरिका के इस ‘बोल्ड’ एक्शन से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।

चीन की कुटिलता और करतूत से कमोबेश हर देश परेशान है खासकर भारत। हमारी सीमा पर, सैनिकों पर और देश की एकता और संप्रभुता पर उसकी सोच कितनी घृणित है, यह बताने की जरूरत नहीं। भारत को भी अमेरिका की तर्ज पर इसी तरह के साहसिक फैसले लेने चाहिए। हालांकि हाल के वर्षो में चीन को उसी की भाषा में भारत ने बखूबी जवाब दिया है। चाहे वह डोकलाम का मसला हो या लद्दाख स्थित पैंगोंग में भारतीय सैन्य बलों की कार्रवाई हो या चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित करने का मामला।

चीन भी अब धीरे-धीरे इस बात को समझ गया है कि उसका पर्दाफाश हो चुका है और वर्तमान वैश्विक और सामरिक परिप्रेक्ष्य में कोई भी देश उसकी अधीनता या उसकी बदमाशी को स्वीकार नहीं कर सकता है।



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