भूख से न मरे कोई
क्या भारत में भूख से कभी कोई मोैत नहीं होती, क्या देश में हालात पूरी तरह बदल चुके हैं, और अब कोई भूखा नहीं सोता?
![]() भूख से न मरे कोई |
इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने भी हैरानी जताई कि केंद्र और राज्य सरकारें भूख से किसी मौत के बारे में सूचना क्यों नहीं देतीं। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से भुखमरी से होने वाली मौतों पर नवीनतम डेटा प्रस्तुत करने को कहा है, और भूख और कुपोषण दूर करने के लिए सामुदायिक रसोई की एक मॉडल योजना बनाने को कहा।
निर्देश देने वाली पीठ की अध्यक्षता खुद मुख्य न्यायाधीश कर रहे थे। पीठ का कहना था कि केंद्र सरकार को सामुदायिक रसोई की मॉडल योजना बनाकर लागू करने के लिए राज्य सरकारों पर छोड़ देना चाहिए। पीठ की टिप्पणी थी कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा अनेक मुफ्त वस्तुओं की घोषणा की जाती है जबकि उन्हें लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा करने की बजाय भूख और कुपोषण को लेकर चिंतित होना चाहिए।
केंद्र की पैरवी कर रहे एजी का तर्क था कि किसी भी राज्य सरकार ने भूख से मौत की सूचना नहीं दी है, लेकिन तमिलनाडु में भूख से मौत का दावा करने वाली एक खबर है, जिसके अनुसार डॉक्टरों को पोस्टमार्टम में पांच साल के बच्चे के शरीर में भोजन नहीं मिला। केंद्र सरकार पहले से ही 131 कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। अलबत्ता, उसने भूख और कुपोषण को दूर करने के लिए देश भर में सामुदायिक रसोई योजना के संचालन के लिए धन की कमी का हवाला दिया। उसका कहना है कि राज्य सरकारों को इस योजना के लिए धन का सहयोग करना होगा और रसद की व्यवस्था भी करनी होगी। इस समस्या को मानवीय समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए।
राज्य सरकारें मॉडल योजना में स्थानीय परिवेश और भोजन की आदतों के अनुसार फेरबदल करके इसे लागू कर सकती हैं। भूख और कुपोषण के मद्देनजर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए देश भर में रियायती दर वाली कैंटीन स्थापित करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई में यह महत्त्वपूर्ण निर्देश सामने आए हैं।
राज्यों में विभिन्न पार्टियों की सरकारें जब सत्ता ग्रहण करती हैं, तो अनेक ऐसी योजनाएं सामने आती हैं। ये योजनाएं कब बंद हो जाती हैं, इसका पता ही नहीं चलता। तमिलनाडु में अम्मा रसोई, राजस्थान की इंदिरा और अन्नपूर्णा रसोई, दिल्ली की जनता रसोईं अब किस हाल में हैं, कोई नहीं जानता। कर्नाटक की इदिरा कैंटीन अपनी लोकप्रियता के कारण सत्ता परिवर्तन के वावजूद 2017 से चल रही है।
Tweet![]() |