उफ! यह बदइंतजामी
नये साल के पहले ही दिन शनिवार को देश के विभिन्न हिस्सों में हुए तीन दर्दनाक हादसों ने नव वर्ष के आगमन की खुशी और उत्साह के माहौल में खलल डाल दिया।
![]() उफ! यह बदइंतजामी |
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में शनिवार तड़के 2.45 बजे मची भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 16 गंभीर रूप से घायल हुए। हरियाणा में भिवानी जिले के डाडम में शनिवार की सुबह 9 बजे के करीब खनन के दौरान पहाड़ दरकने से 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 2 गंभीर रूप से घायल हुए। तमिलनाडु में विरुदुनगर के करीबी गांव नागलपुरम में शनिवार की सुबह पटाखा फैक्ट्री में आग लगने की घटना में 4 श्रमिकों की मौत हो गई और 8 अन्य घायल हो गए। तीनों हादसों में जांच के आदेश दे दिए गए लेकिन तीनों हादसे मानवीय भूलों और बदइंतजामी की गवाही दे रहे हैं।
वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ को लेकर श्राइन बोर्ड की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि श्राइन बोर्ड सफाई दे रहा है कि हादसे की वजह श्रद्धालुओं के बीच झड़प है। लेकिन सच यह है कि हादसे की जगह पर 10 हजार श्रद्धालुओं को संभालने की क्षमता है, जबकि 15 हजार से ज्यादा लोगों के उमड़ पड़ने से भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका। भीड़ में दम घुटने से कुछ श्रद्धालु बिना दर्शन किए लौटने लगे तो तंग रास्ता होने के कारण लोगों में धींगामुश्ती, बल्कि हाथापाई होने लगी और भगदड़ मच गई। कुछ लोग जो फर्श पर बैठे थे, उठ भी न सके। कुचले गए।
हालांकि बताया गया है कि अधिकांश लोग दम घुटने के कारण मरे। डाडम में अरावली की पहाड़ियों एनजीटी की मंजूरी के बाद बीते बृहस्पतिवार से ही खनन कार्य शुरू हुआ था। शनिवार सुबह खनन के दौरान पहाड़ का बड़ा हिस्सा दरककर नीचे आ गिरा। उस समय वहां 15 श्रमिक थे, जो बड़ी शिला के तले दब गए। हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है।
तमिलनाडु के हादसे में पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि शनिवार की सुबह फैक्ट्री में केमिकल स्टोर का दरवाजा खोलते ही विस्फोट के साथ आग लग गई। अप्रत्याशित होते हैं हादसे लेकिन पक्के तौर पर इतना जरूर कहा जा सकता है कि इनके पीछे कहीं न कहीं मानवीय भूल होती है। नियम-कायदे बनाए जाते हैं ताकि कार्यकलाप सहज रहें। लेकिन लोग जल्दबाजी में संयम नहीं बरतते। एहतियात नहीं रखते। हर हादसा होता है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं ठीक नहीं।
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