डर बरकरार
वैश्विक महामारी कोरोना का डर अभी खत्म नहीं हुआ है।
![]() डर बरकरार |
आमजन भले अब बेफिक्र हो गए हों, मगर यूरोपीय देशों, अमेरिका यहां तक कि केरल में भी इसके वापस लौटने की आशंका है। खासकर केरल के जो भी लोग यूरोप से लौटकर आ रहे हैं उन्हें कोरोना अपनी चपेट में ले रहा है। चिंता की बात यह है कि कोरोनारोधी दोनों टीका लगवाने के बावजूद लोग बीमार पड़ रहे हैं। यानी हमें बहुत संभल कर रहने की दरकार है।
केरल वैसे भी शुरुआत से ही खतरे वाले राज्य में शामिल रहा है। भारत में सबसे पहले कोरोना का मरीज केरल में ही मिला था। अभी जो खबरें आ रहीं हैं, उसके मुताबिक यहां रोजाना आ रहे नये मामलों में से करीब 40 फीसद मामले ऐसे लोगों के हैं, जो टीके के दोनों डोज लगवा चुके हैं। वहीं कैंब्रिज बिजनेस स्कूल और नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च की एक रिपोर्ट में भारत में तेजी से संक्रमण बढ़ने का खतरा बताया गया है। कुछ और राज्यों मसलन पंजाब में त्योहार के बाद संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई है, जबकि लद्दाख में बीते पांच दिनों में नये मामले में 118 फीसद का इजाफा हो चुका है, लेकिन खतरे की सबसे बड़ी घंटी केरल में बजी है क्योंकि वहां बिल्कुल यूरोप के पैटर्न पर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।
यूरोप के हालात देखकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत में भी कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं क्योंकि यूरोपीय देशों में भारत से ज्यादा टीकाकरण हुआ उसके बावजूद कोरोना का कहर कम नहीं हो रहा है। लाजिमी है कि हमें कोरोना को हल्के में नहीं लेना है। अभी भी देखा जाता है कि लोग न तो मास्क लगाते हैं, न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं और न सैनिटाइजर का उपयोग करते हैं। जबतक इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाएगा तब तक इस जानलेवा बीमारी का पूरी तरह से खात्मा नहीं किया जा सकेगा।
सरकार को भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी लानी होगा। साथ ही उन लोगों को भी आगे आना होगा, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली है। इसके अलावा उन देशों पर भी करीबी नजर रखनी होगी जहां पिछले 24 घंटे में कोरोना के मामले बढ़े हैं। मसलन; ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे में 40, 004 संक्रमण के नये मामले दर्ज किए गए हैं। जर्मनी में भी हालात चिंताजनक हैं। कुल मिलाकर सरकार को केरल पर ध्यान देने की आवश्यकता है। थोड़ी सी भी लापरवाही सभी पर भारी पड़ सकती है।
Tweet![]() |