आखिरकार, आशीष गिरफ्तार
लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्र ‘मोनू’ को शनिवार की देर रात आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया।
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इससे पूर्व सर्वोच्च न्यायालय मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई पर असंतोष जता चुका था। एसआईटी के प्रभारी डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने शनिवार रात करीब ग्यारह बजे बताया कि जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तारी की गई। मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है।
आशीष पांडेय और लवकुश राणा को 7 अक्टूबर को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। अब आरोपित को अदालत में पेश करके रिमांड मांगा जाएगा। एसआईटी ने पूछताछ में आशीष से 150 से ज्यादा सवाल पूछे, लेकिन अग्रवाल के मुताबिक सवालों के अतार्किक जवाब मिलने पर आशीष की गिरफ्तारी की गई।
हालांकि आरोपित ने एसआईटी के सामने 12 पेन ड्राइव में कई वीडियो, फोटो और दर्जन भर शपथ पत्र पेश किए थे। शपथ पत्र देने वाले लोगों ने दावा किया है कि घटना के दिन आशीष ग्राम बनवीर पुर में दंगल कार्यक्रम में मौजूद थे और महिंद्रा थार में मौजूद नहीं थे। लेकिन जांच टीम दावों से संतुष्ट नहीं थी।
दरअसल, तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोगों की जान गई थी। वाहन से कुचल कर चार किसानों की मौत हो गई थी।
हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था। मामले में बहराइच निवासी जगजीत सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्र और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश) के तहत मामला दर्ज कराया था। किसान आशीष के मंत्री पिता की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए थे।
इस गिरफ्तारी के बाद अब अजय मिश्र को बर्खास्त किए जाने की मांग पर अड़ गए हैं। 15 को सरकार का पुतल दहन करेंगे, 18 को रेल रोकेंगे और 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत करेंगे। बहरहाल, आशीष की गिरफ्तारी से स्पष्ट है कि राज्य में कानून का इकबाल बुलंद है।
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