सतर्क रहना होगा

Last Updated 25 Jan 2021 12:41:03 AM IST

सीरम इंस्टीट्यूट के मंजरी परिसर में पांच मंजिला निर्माणाधीन भवन में गुरुवार को आग लगने की घटना ने वाकई सभी को चिंतित कर दिया।


सतर्क रहना होगा

इसी परिसर में कोविड-19 टीके कोविशील्ड का उत्पादन हो रहा है और पूरे देश में तथा अन्य देशों में उसकी आपूर्ति हो रही है। इस घटना में संविदा पर काम करने वाले पांच मजदूरों की मौत हो गई, जबकि आग से कंपनी को 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है क्योंकि वहां ऐसे उपकरण और उत्पाद रखे हुए थे, जिन्हें बाजार में लांच करना था। वैसे इस घटना की तफ्तीश इसलिए भी जरूरी है कि सीरम इंस्टीटय़ूट कोविड का टीका बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है। कोविड का टीका विश्व के कई देशों में भेजने की तैयारियां अंतिम दौर में थी। टीका बनाने की तमाम दुारियों और अनवरत शोध के बाद अगर कंपनी को आग लगने की घटना से बड़ा नुकसान हो तो यह वास्तव में गंभीर विषय है। सुरक्षा के तमाम उपायों पर तो देश में काम किया जाता है, मगर आग लगने की घटना या खतरे को काफी कमतर आंका जाता है।

या कहें इस ओर कम ही ध्यान दिया जाता है। जो शुरुआती जांच में पता चला है कि आग निर्माण कार्य के दौरान स्पार्क होने और इसके चलते वहां बड़ी मात्रा में रखे ज्वनलशील पदाथरे में लगने के कारण बढ़ती चली गई। हां, अच्छी बात यह रही कि कंपनी ने तुरंत पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया और इनकी आगे किस तरह से मदद की जा सकती है, इसे लेकर संजीदा भी है। मगर कंपनी की सबसे बड़ी चुनौती दुनिया भर को यह आस्त करना है कि इस घटना के बावजूद कंपनी सुरक्षा प्रोटोकॉल में शिथिलता के बावजूद किसी की जिंदगी को खतरे में नहीं डालेगी।

यह हम सब जानते और समझते हैं कि-वैक्सीन का स्टोरेज और उसका ट्रांसपोटेशन जो कि समय और तापमान के लिहाज से ज्यादा संवेदनदशील होता है-सरकार को इसकी आपूर्ति की लय बरकरार रखने को लेकर सजग रहना होगा। यहां तक कि नये बनने वाले वैक्सीन प्लांट में भविष्य को देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम करने होंगे। स्वाभाविक रूप से रक्षा और अंतरिक्ष महकमे की तरह वैक्सीन प्लांट को भी अपने यहां हर तरह की चाक-चौबंद व्यवस्था रखने चाहिए। भारत की साख निश्चित तौर पर बढ़ी है। लिहाजा इसे बनाकर रखने में ही हर किसी का फायदा है।



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