घबराना नहीं है
ब्रिटेन में कोरोना के नये रूप ने दुनियाभर में खौफ बढ़ा दिया है। भारत में इसे लेकर सरकार चौंकन्नी हो गई है, मगर उसे ज्यादा सावधानीपूर्वक इस दहशत को खत्म करना होगा।
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जो सूचना है उसके अनुसार देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर उतरे यात्रियों में 20 को संक्रमित पाया गया है। वहीं विदेश से दिल्ली आए करीब 34 लोग प्रशासन की पहुंच से दूर हैं। उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
फिलहाल कई यात्रियों का ब्रिटेन समेत दूसरे देशों से भारत आना जारी है। इसलिए कोविड-19 जिस लापरवाही से फैला, उससे सबक लेते हुए सरकार को जांच सही दिशा में करनी होगी। हो सके तो आस-पड़ोस के लोग जिन्हें किसी के ब्रिटेन से या अन्य देशों से आने की जानकारी है, वह पुलिस को सूचित करें। आमजन को भी ब्रिटेन से आने के दौरान या कुछ दिनों पहले स्वदेश आने की ईमानदारी के साथ जांच करानी होगी। वैसे राहत की बात जरूर है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नये स्ट्रेन को न तो खतरनाक बताया है और न बेकाबू।
इसके बावजूद सभी लोगों को इसे गंभीरता से लेना होगा और सरकार की तरफ से कोरोना से लड़ने के लिए जो दिशा-निर्देश जारी किए गए थे उसका पालन करना होगा। फिलहाल सरकार ब्रिटेन से आ रहे या आ चुके लोगों पर पैनी निगाह रखे हुए हैं। पिछले दस दिनों के अंदर ब्रिटेन से 7000 लोग आए हैं। लिहाजा हरेक की जांच अत्यंत आवश्यक है। ब्रिटेन के अलावा जिन और देशों में यह नया स्ट्रेन आया है और उन देशों से जो भी लोग स्वदेश लौटे हैं, उनकी जांच में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए। केंद्र सरकार ने भी यह स्वीकारा है कि देश में फिलहाल कोरोना 2.0 का असर नहीं है।
इसके बावजूद सजगता रखनी होगी। हर किसी को यह तथ्य ध्यान में रखना होगा कि कोरोना के फैलने की वजह इस महामारी को हल्के में लेने की वजह से हुआ था। अगर शुरुआती समय में ही कोविड-19 को लेकर अभी जैसी सतर्कता और जागरूकता रहती तो दुनियाभर में जान-माल का इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। फिलहाल घबराने के बजाय योजनाबद्ध तरीके से कदम बढ़ाने की जरूरत है। हवाई अड्डों पर भ्रम और अव्यवस्था न फैले, इसके उपाय भी तलाशने होंगे। यकीनन यह संकट का दौर है, किंतु हम इस पर जरूर जीत हासिल करेंगे।
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