टॉप-तीन में भारत
भारत आगामी दो दशकों में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होगा।
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देश के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी ने कहा है कि इस दौरान प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से ज्यादा हो जाएगी। फेसबुक के प्रमुख मार्ग जुकरबर्ग के साथ बातचीत में अंबानी ने कहा कि सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह होगी कि देश प्रमुख डिजिटल समाज बन जाएगा जिसे युवा चलाएंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी की इस आशावादिता के पीछे भारत का मध्यम वर्ग है। देश के कुल परिवारों में करीब आधे मध्यम वर्ग का हिस्सा हैं। शीर्ष उद्योगपति का आकलन है कि मध्यमवर्गीय आबादी आने वाले वर्षो में तीन से चार प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। जुकरबर्ग ने भारत की उद्यमिता संस्कृति की विलक्षणता की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय युवा उद्यमिता संबंधी जोखिम लेने को तत्पर है, जिसका प्रतिफल अर्थव्यवस्था को मिलना तय है।
दरअसल, युवाओं के बल पर भारत ने अपने विकास की कहानी लिखनी शुरू कर दी है। उत्साहजनक बात यह है कि विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने को अनमने नहीं रहे। उन्हें पक्का जंच गया है कि भारत के पास दुनिया की सबसे सुविधाजनक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति है। बेशक, एफडीआई के लिए भारत एक आकषर्क गंतव्य है। लगभग सभी क्षेत्रों में ऑटोमेटिक रूट के जरिए शत-प्रतिशत एफडीआई की इजाजत है। अलबत्ता, टेलीकॉम, मीडिया, फार्मा और बीमा जैसे कुछ क्षेत्रों विदेशी निवेशकों को मंजूरी जरूरी है। कहना यह कि विदेश निवेश के लिहाज से भारत शानदार बाजार के रूप में उभरा है। फेसबुक और अन्य वैश्विक कंपनियों के लिए यहां सुनहरे अवसर हैं। यही कारण रहा कि इस साल के पहले नौ महीनों के दौरान कोरोना महामारी के चरम पर होने के बावजूद भारत में निवेश में वृद्धि हुई है। अंबानी ने भी जुकरबर्ग के साथ अपनी बातचीत में इस बात का जिक्र किया है। डिजिटल इंडिया अभियान को सफल करार देते हुए कहा कि इस प्रगति के बल पर ही देश की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान 2,000 डॉलर यानी करीब 1.5 लाख रुपये से बढ़कर पांच हजार डॉलर के स्तर पहुंचने की उम्मीद है। महामारी का यह समय व्यक्तियों ही नहीं, बल्कि देशों के लिए भी संघर्ष का समय रहा है, लेकिन इस दौरान भी आर्थिक गतिविधियों में डिजिटल सेवाओं ने अपनी महत्ता का अहसास कराया है।
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