पाकिस्तान को झटका

Last Updated 10 Aug 2020 02:14:15 AM IST

जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान इस्लामी दुनिया से अलग-थलग पड़ता जा रहा है। नये घटनाक्रम में इस्लामी देशों के शक्तिशाली संगठन ओआईसी (इस्लामी सहयोग संगठन) के सबसे शक्तिशाली सदस्य सऊदी अरब ने पाकिस्तान को उधार पर तेल की आपूर्ति रोक दी है।


पाकिस्तान को झटका

सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच 2018 में यह करार हुआ था कि सऊदी अरब पाकिस्तान को 3 तीन के लिए 6.2 अरब डॉलर का वित्तीय पैकेज देगा। इसमें 3 अरब डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की आपूर्ति करेगा। पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से घिरा हुआ है। ऐसे में उसे एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य के विशेष दरजे के प्रावधान को समाप्त कर दिया था। तब से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान हताश और निराश हैं। उन्होंने इस्लामी देशों के सबसे शक्तिशाली मंच ओआईसी पर जम्मू-कश्मीर को लेकर इस्लामी देशों द्वारा सामूहिक कार्रवाई करने का दबाव डाला।

वो चाहते थे कि कश्मीर के मुद्दे पर ओआईसी बैठक आयोजित करे, लेकिन सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने इमरान खान की इस अपील को दरकिनार कर दिया। जाहिर है इमरान खान को यह अच्छा नहीं लगा और उन्होंने इस्लामी देश और इस्लामी संगठन के विरुद्ध यह आरोप लगाया कि व्यापार और आर्थिक हितों के कारण इस्लामी देश जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम आवाम की अनदेखी कर रहे हैं।

इमरान खान ने ओआईसी को दो-फाड़ करने की भी धमकी दी और इसके समानांतर तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर इस्लामी देशों का एक अलग मंच तैयार करने की कोशिश की। सऊदी अरब ने इस मुहिम को अपने नेतृत्व के लिए खतरा माना और इसकी प्रतिक्रियास्वरूप पाकिस्तान को उधार पर तेल की आपूर्ति रोक दी है। अब कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को केवल तुर्की और मलेशिया से ही समर्थन मिल रहा है।

जहां तक भारत का सवाल है, उसने अपनी सक्रिय कूटनीति के जरिये यूरोपीय संघों और विशेषकर मुस्लिम देशों को कश्मीर मुद्दे पर काफी हद तक आश्वस्त किया है। यही वजह है कि पिछले 5 अगस्त को एक साल पूरे होने पर कश्मीर मुद्दे पर दुनिया में कोई हलचल नहीं हुई।



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