प्रधानमंत्री का संदेश
भारत जैसे देश से यही अपेक्षित था। चीन के सामने स्पष्ट कर दिया गया है कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन यह हमारी कमजोरी नहीं है।
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वास्तव में चीनी सेना की गुंडागर्दी की शर्मनाक हरकत के बाद केवल भारत के लोग ही नहीं, विश्व के प्रमुख देश भी प्रधानमंत्री को सुनना चाहते थे। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक इसका सबसे अनुकूल अवसर था, जब हमारे 20 सैनिकों के वीरगति प्राप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की नीति स्पष्ट करें।
उन्होंने अपने मुखर वक्तव्य से एक साथ चीन, विश्व समुदाय एवं भारत के लोगों को सीधा संदेश दे दिया है। इसमें भारत के लोगों के लिए यह आश्वासन है कि आपका गम और गुस्सा जायज है और सरकार हर स्तर पर चीन को जवाब देने के लिए तैयार है। दूसरे, चीन को कड़ा संदेश है कि हम आपसे हर स्तर पर निपटने के लिए तैयार हैं। और तीसरे, विश्व समुदाय को कि चीन ने हमारी शांतिपूर्ण नीति को अपनी दुर्नीति से कुचला है, जिसका जवाब देना हमारा दायित्व है। उन्होंने साफ कहा कि अपनी भूमि और संप्रभुता की रक्षा के प्रति देश कृतसंकल्प है।
अपने जवानों के लिए मारते-मारते वीरगति को प्राप्त होने की बात कहकर भी प्रधानमंत्री ने एक साथ कई संदेश दिए। चीन को तो स्पष्ट किया ही कि आपने धोखे से जो कोशिश की उसे हमारे जवानों ने निहत्थे विफल किया तथा भारी संख्या में आपके जवानों को मौत के घाट उतार दिया यानी आप सीधे टकराने आएंगे तो आपको ज्यादा क्षति होगी। इसमें यह संदेश भी निहित है कि भारतीय सैनिकों के सामने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा एवं सीमा पर निपटने के लिए हर स्तर की स्वतंत्रता है। अभी तक समझौतों के कारण सेना हथियारों के साथ सक्रिय नहीं रह सकती थी। वैसे चीनी सेना भी कभी मान्य हथियारों के साथ आगे नहीं आई। प्रधानमंत्री का वक्तव्य शब्दों तक सीमित नहीं है।
पश्चिम से लेकर पूर्वी सेक्टर तक पूरी सैन्य लामबंदी कर दी गई है। थल सेना के साथ वायु सेना एवं नौसेना को उच्च अलर्ट पर रख दिया गया है। सुरक्षा मामलों की केंद्रीय समिति के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एवं तीनों सेना प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री की बैठकों का संदेश यही है कि भारत चीन के साथ सीमा पर सैन्य व्यवहार की नीति में बदलाव करने जा रहा है। हमें प्रधानमंत्री के वक्तव्य पर यकीन करना चाहिए। राजनेता चीन की निंदा के बजाय सरकार से अनावश्यक सवाल पूछने और देश का आत्मविश्वास कमजोर करने की कोशिश न करें।
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