बदलनी होगी दिनचर्या
अब तस्वीर पूरी तरह से साफ हो चुकी है कि कोरोना महामारी से हाल-फिलहाल मुक्ति नहीं मिलने जा रही है और इसके विरुद्ध लड़ाई लंबी होगी।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते मंगलवार को जो आंकड़े जारी किए उसके मुताबिक देश में कोरोना विषाणु संक्रमण के मामले में 24 घंटों के दौरान 4178 की वृद्धि हुई और 210 मौतें हुई। यह वृद्धि एक दिन में अब तक सर्वाधिक है। जाहिर है ये आंकड़े चौंकाने के साथ-साथ सावधानियां बरतने की चेतावनी भी दे रहे हैं।
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने सफाई देते हुए कहा कि कुछ राज्यों में देरी से रिपोर्टिग की वजह से ये आंकड़े अधिक दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि हमारा प्रबंधन दुनिया से बेहतर है। इसलिए कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 27.41 फीसद है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव के दावे अपनी जगह हैं, लेकिन प्रवासी मजदूरों और शराब बिक्री को लेकर देश में जो अराजक हालात बने उससे पता चलता है कि हमें किन-किन क्षेत्रों और किन-किन मोचरे पर बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है।
लॉक-डाउन के तीसरे चरण के पहले ही दिन राज्य सरकारों ने लोगों को कुछ छूट और रियायतें दीं, शराब की दुकानें खोलीं गई; इसका परिणाम बहुत अराजक और त्रासदपूर्ण रहा। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन हुआ, जो सरकार के लिए चिंता की बड़ी वजह है। वास्तव में शराब की खरीदारी के दौरान जो दृश्य सामने आए उसने कोरोना के व्यापक स्तर पर प्रसार की संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया केल साथ चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन जारी रहा तो जो छूट दी गई है, उसे वापस ले लिया जाएगा।
इसी बीच दिल्ली सरकार और उसके बाद आंध्र प्रदेश की सरकार ने शराब की कीमतों में बहुत अधिक इजाफा कर कर दिया है। हालांकि शराब की कीमतों में वृद्धि अतिरिक्त राजस्व कमाने के इरादे से किया गया है, लेकिन इसे जायज नहीं कहा जा सकता। कोरोना को लेकर भारत के लिए राहत की बात यह है कि सरकार कोविड-19 के सामुदायिक प्रसार को रोकने में अब तक कामयाब रही है। लेकिन कोरोना के साथ हमें जीने की आदत डालनी होगी। कोरोना से बचने के लिए जरूरी है कि हमें अपनी दिनचर्या में हाथ धोने और साफ-सफाई की आदत डालनी होगी।
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