साझा जिम्मेदारी
विदेश मंत्रालय ने लॉक-डाउन के कारण विदेशों में फंसे भारतीय पेशवरों, कामगारों, छात्रों और पर्यटक वीजा पर गए लोगों को स्वदेश वापसी का रास्ता खोलने की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल की है।
![]() साझा जिम्मेदारी |
विदेश मंत्रालय की इस प्रशंसनीय पहल का स्वागत किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार इसके लिए राज्यों के साथ विचार-विमर्श करना शुरू कर दिया है। केरल, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्य की सरकारों ने अपने-अपने राज्य के निवासियों को स्वदेश वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध भी किया है। लेकिन कोरोना महामारी के मौजूदा दौर में उन्हें वापस लाने के रास्ते में कुछ बाधाएं भी हैं जिन्हें दूर करना होगा।
सबसे पहले तो राज्यों को वापस लौटने वालों की स्वास्थ्य संबंधी जांच की तैयारी करनी होगी क्योंकि उन्हें स्वदेश आने पर 14 दिन क्वारंटीन में रहना पड़ेगा और इसके लिए क्वारंटीन सेंटर तथा अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ानी होगी। अनुमान है कि करीब 40 हजार भारतीय विदेशों से वापसी के इंतजार में हैं। खाड़ी देशों में लाखों कामगार कार्यरत हैं। महामारी के कारण उनकी स्थिति काफी खराब हो गई है। वैसे सामान्य परिस्थितियों में भी ये कामगार अपर्याप्त सुविधाओं वाले रिहाइशी इलाकों में रहते हैं। हालांकि भारत सरकार खाड़ी देशों में दूतावासों के जरिये इन कामगारों की सुरक्षा करने के लिए प्रयासरत है।
इसी तरह अमेरिकी, इंग्लैंड सहित कई अन्य देशों में ऐसे अनेक छात्र हैं, जो मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। ये छात्र महामारी के संकट में स्वदेश लौटकर कोरोना से पीड़ित मरीजों की सेवा करना चाहते हैं। अगर सरकार इनको स्वदेश लाने में सफल हो जाती है तो स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े ये छात्र देश और मानवता की सेवा में अपना योगदान कर सकेंगे। विदेशों में फंसे भारतीयों में बहुत से ऐसे हैं, जिन्हें रुपयों-पैसों की तंगी भी झेलनी पड़ रही है।
पर्यटक वीजा पर भ्रमण के लिए विदेश गए ऐसे बहुत से लोग हैं, जो एयरपोर्ट पर स्वदेश आने के इंतजार में जीवन गुजार रहे हैं। यह कहा जाता है कि समस्याएं अपने साथ समाधान भी लेकर आती हैं। इसीलिए अपेक्षा की जाती है कि कोरोना के बाद वैश्विक स्तर पर समाज के विभिन्न वगरे और बाहरी कामगारों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए कोई व्यावहारिक प्रणाली विकसित हो। आखिरकार कामगार, जिस देश के हैं और जिन देशों में काम करते हैं दोनों की साझा जिम्मेदारी हैं।
Tweet![]() |