अच्छी खबर
कोरोना वायरस से विश्व भर में जान और माल के भारी नुकसान के बीच एक अच्छी खबर सुनने को मिली है।
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मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के बारे में जानकारी दी है कि इस साल देश में सामान्य मॉनसून रहेगा। ध्यान रहे जून से सितम्बर के दौरान 96 फीसद बारिश होने पर उसे सामान्य मॉनसून माना जाता है। मॉनसून के मौसम 2020 के दौरान मात्रात्मक रूप से मॉनसून वष्रा, मॉडल त्रुटि के कारण +5 या -5 फीसद की त्रुटि के साथ इसकी लंबी अवधि के औसत का 100 प्रतिशत होने की उम्मीद है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून खरीफ की फसल जैसे मोटे अनाज, धान, दहलन और तिलहन के लिए जरूरी होता है। ऐसे में किसानों को अच्छी बारिश से राहत मिल सकती है। देश में कोरोना के मामलों और लॉकडाउन के बीच इस पूर्वानुमान का बेहद महत्त्व माना जा रहा है। किसानों के लिए वाकई यह खबर काफी सुकून भरी है। यदि मौसम विभाग की बात सही निकली तो कृषि उत्पादकता में उछाल के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था और गति पकड़ेगी। विकास दर में भी इजाफा होगा। कृषि उत्पादकता में इजाफे के साथ बाजार में मांग बढ़ती है। उपज का अच्छा दाम मिलने से खेतिहरों की आय बढ़ती है, जिससे शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के बाजार भी गुलजार होते हैं।
और इस वक्त भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी मॉनसून के साथ-साथ इन सभी कारकों का होना भी बेहद जरूरी है। कोविड-19 की मार से उद्योग-धंधों से लेकर आमजन तक हलकान हैं। विश्व भर में मंदी की काली छाया की आशंका है। ऐसे में प्रकृति का आशीर्वाद लोगों में छाये अवसाद और उदासी को दूर कर सकता है। हम सब जानते हैं कि मॉनसून का सीधा असर देश की कृषि पैदावार और सकल घरेलू उत्पाद पर पड़ता है। देश में 60 फीसद से अधिक आबादी खेती पर निर्भर करती है। अच्छी बारिश से न केवल अन्नदाता चहकेंगे, बल्कि बाजार भी गुलजार होंगे और अर्थव्यवस्था को चढ़ने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। पिछले साल भी मॉनसून उम्मीद के अनुरूप ही रहा था। हां, सरकार को भी इसके लिए मुस्तैद रहना होगा। मसलन, बीज, खाद, सिंचाई के बंदोबस्त, तेल-वाहन और अन्य आधारभूत सुविधाएं जुटानी होंगी। किसानों को किसी भी चीज के लिए भटकना न पड़े, इसका खास ख्याल रखना होगा। अगर सरकार तंत्र जिम्मेदारी से काम करेगा तो मॉनसूून का फायदा निश्चित तौर पर उठाया जा सकता है।
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