सतर्क रहे भारत

Last Updated 30 Jan 2020 12:54:14 AM IST

कोरोना वायरस आहिस्ता-आहिस्ता चीन की सीमा से निकलकर 16 देशों तक अपनी मारक क्षमता बढ़ा चुका है।


सतर्क रहे भारत

अब तक इस जानलेवा वायरस की चपेट में आकर कुल 132 लोग मारे गए हैं,जबकि 5974 लोगों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। वहीं, दुनियाभर में 9000 से ज्यादा लोगों के इसके संक्रमण की चपेट में आने का खतरा है। चीन के हुबेई प्रांत के वुहान से फैले इस बेहद खतरनाक वायरस से बचाव के लिए कोई मुकम्मल वैक्सीन ईजाद नहीं किया जा सका है। चीन के तिब्बत इलाके को छोड़कर सभी प्रांतों में इस वायरस ने पैर पसार लिये हैं।

भारत की चिंताएं इस मसले पर ज्यादा इसलिए हैं क्योंकि यहां के कई लोग (करीब 500 से ज्यादा) चीन में हैं। चिंता की लकीरें इसलिए भी गाढ़ी हैं क्योंकि भारत के करीब-करीब सभी पड़ोसी मुल्कों में इस रोग के संदेहास्पद मरीज आ रहे हैं। लिहाजा, भारत को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। फिलहाल, केंद्र सरकार का पहला काम चीन में मौजूद करीब 500 छात्रों व अन्य लोगों को वहां से स्वेदश लाना होगा। मगर उन्हें लाने से पहले देश में कई तरह की तैयारियों को अमलीजामा पहनाना आवश्यक है।

खासतौर पर जो भी संदेहास्पद मरीज वहां से भारत लाए जाएंगे, उनके लिए न केवल आइसोलेशन वार्ड बल्कि संदिग्ध लोगों की हर तरह के टेस्ट के लिए लैब बनाने का काम भी युद्धस्तर पर करना होगा। अभी सिर्फ पुणो में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की ही जांच प्रयोगशाला है, जहां सभी संदिग्ध मामले भेजे जा रहे हैं। चूंकि कई देशों के पर्यटक भारत भ्रमण पर हैं या कुछ दिनों पहले से यहां आए हुए हैं, तो उन पर करीब से नजर रखने की जरूरत है। ज्यादा जोर स्वच्छता, साफ-सफाई को लेकर जागरूकता होनी चाहिए। इसके अलावा, भारत सरकार को श्रीलंका की तर्ज पर वीजा ऑन अराइवल देने की प्रक्रिया को बंद कर देना चाहिए।

अच्छी बात यह है कि इस भीषण महामारी की रोकथाम को लेकर सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय से इसे रोकने में सफलता मिल सकती है। वैसे असली परीक्षा की घड़ी चीन में फंसे भारतीयों को यहां लाने और उनके स्वास्थ्य की जांच से जुड़ी है। तब तक चीन में मौजूद लोग और यहां उनके परिजन आक्रांत (पैनिक) न हों, उस पर विशेष ध्यान रखने की भी आवश्यकता है।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment