पीएफआई का धन

Last Updated 29 Jan 2020 12:41:54 AM IST

प्रवर्त्तन निदेशालय या ईडी द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खातों की जांच से जो जानकारियां सामने आई हैं, उनसे नागरिकता संशोधन विरोधी कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में उसकी भूमिका का आरोप पहले से ज्यादा पुख्ता होता है।


पीएफआई का धन

ईडी ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में माना है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों के बैंक खातों में लेन-देन का विस्तृत ब्योरा उसकी भूमिका को संदिग्ध बना देता है।

यह खबर पहले ही हमारे सामने आ चुकी है कि ईडी ने पीएफआई के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच शुरू की थी। इस दौरान उसके व सहयोगी संगठनों के 73 बैंक खातों में 120 करोड़ रुपये जमा कराने के प्रमाण हैं, और एक-दो दिन के भीतर उसमें से अधिकांश रकम निकाल भी ली गई। पीएफआई कुछ भी कहे लेकिन इसका जवाब तो उसे देना होगा कि ऐसा क्यों हुआ?

हिंसक प्रदर्शनों के दौरान बैंक खातों से तो एक दिन में कई-कई बार पैसे निकाले गए। बारह दिसम्बर को एक खाते से 90 बार निकासी की गई थी। पीएफआई के नेहरू प्लेस (दिल्ली) स्थित खाते के साथ ही उत्तर प्रदेश में बहराइच, बिजनौर, हापुड़, शामली, डासना जैसी जगहों के खातों में भारी मात्रा में बार-बार नकदी जमा की गई। हिंसक प्रदर्शन के दिन या उससे एक दिन पहले इतनी निकासी शांति और सद्भावना स्थापित करने के लिए तो नहीं हो सकती।

ऐसे में ईडी का यह निष्कर्ष सच लगता है कि छह जनवरी तक सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के लिए पीएफआई ने धन की व्यवस्था की थी। छह जनवरी के बाद की जांच जारी है। वस्तुत: नागरिकता कानून विरोधी हिंसा की साजिश और उसे अमल में लाने में पीएफआई की भूमिका के बारे में कई राज्यों की पुलिस ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट दी हुई है। किंतु ऐसे खतरनाक संगठन को प्रतिबंधित करने से पहले ठोस आधार जरूरी है जिससे कि वह न्यायालय में टिक सके। इसलिए केंद्र हर पहलू की जांच करवा रहा है।

पीएफआई के खातों की जांच इसी प्रक्रिया का अंग है। पीएफआई पर लंबे समय से सांप्रदायिक हिंसा के आरोप लगते रहे हैं, और अलग-अलग मामलों में इसके सदस्यों को सजा भी हुई है, लेकिन इस तरह देशव्यापी योजना बनाकर वह हिंसा करा देगा, शायद इसकी कल्पना खुफिया एजेंसियों को नहीं थी। बहरहाल, नई जानकारी के बाद आवश्यक हो गया है कि केंद्र सख्ती दिखाए एवं इसे प्रतिबंधित कर इसके सदस्यों को जेल की सलाखों में डाले।



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